चाकुलिया. मुंबई से वाइल्डलाइफ की एक टीम शुक्रवार को चाकुलिया पहुंची. टीम ने जंगली हाथियों के कॉरिडोर बनाने के लिए सर्वे किया. रेंजर दिग्विजय सिंह ने बताया कि मानव और हाथी के बीच द्वंद्व रोकने के लिए राज्य सरकार ने पहल की है. हाथी जंगल से बाहर न निकलें और ग्रामीण हाथियों के क्षेत्र में न जायें. इसके लिए जंगली हाथियों के कॉरिडोर (आवागमन का रास्ता) को चिह्नित किया जा रहा है. आमतौर पर हाथी हमेशा एक रास्ते का उपयोग आने और जाने के लिए करते हैं. हाल के दिनों में नहर व सड़क निर्माण और रेलपथ चौड़ीकरण के बाद हाथियों का पुराना कॉरिडोर ध्वस्त हो चुका है. वृद्ध हाथियों की मौत होने से पुराना कॉरिडोर हाथियों के उपयोग के लायक नहीं है.
कॉरिडोर में हाथियों का पसंदीदा भोजन व पानी की व्यवस्था होगी
पश्चिम बंगाल, ओडिशा और दलमा के हाथियों के लगातार विचरण से हाल में नया कॉरिडोर विकसित हुआ है. सर्वे टीम हाथियों के कॉरिडोर को चिह्नित करेगी. हाथियों के आवागमन के मार्ग पर उनका पसंदीदा भोजन और पानी की व्यवस्था की जायेगी, ताकि हाथी जंगल से भटक कर गांव में प्रवेश न कर सकें.
टीम ने हाथियों के पुराने कॉरिडोर को देखा
वाइल्ड लाइफ टीम ने डीएफओ ममता प्रियदर्शी और रेंजर दिग्विजय सिंह, वनरक्षी और क्विक रिस्पांस टीम से हाथियों से संबंधित जानकारी ली. लगभग एक माह तक सर्वे टीम हाथी कॉरिडोर चिह्नित करने का काम करेगी. रेंजर दिग्विजय सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल से जंगली हाथी झारखंड में बनकाटी, दूधकुंडी, लुगाहारा, देवशोल, चौठया, दिघी, अमलागोड़ा गांव होते हुए प्रवेश करते हैं. दिन भर हाथी जंगल में भ्रमण करते हैं. रात होते ही भोजन की तलाश में गांव में प्रवेश कर जाते हैं. इस दौरान इंसानों से टकराव होती है. इसमें कई इंसान की जान जा चुकी है. टीम ने हाथियों के पुराने कॉरिडोर का जायजा लिया और उनकी गतिविधियों की जानकारी ली.
चाकुलिया में रातभर दो हाथियों ने मचाया उत्पात, दहशत
चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र में गुरुवार की रात दो हाथी पहुंच गये. हाथियों ने रात भर क्षेत्र में आतंक मचाया. चाकुलिया एफसीआइ गोदाम के पास चावल लदे ट्रक से चावल निकाल कर खा गये. इसके बाद स्वर्णरेखा कॉलोनी होते हुए आनंद मार्ग स्कूल के पास शिवमंगल सिंह के घर के पास पहुंचा. वहां चावल लदा पिकअप वैन खड़ा था. हाथी ने पिकअप वैन से चावल निकाल कर खाया और वैन को धकेल दिया. इससे लगभग 30 से 40 फीट तक वैन आगे चली गयी. काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने हाथी को खदेड़ा. इसके बाद हाथी नया बाजार स्थित पेट्रोल पंप में पहुंचा. यहां धान लदा ट्रक खड़ा था. हाथी ने ट्रक से धान निकाल कर खाया. इसके बाद दीघी की ओर चले गये.
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