दूरदर्शन पर दिखेगा घाटशिला के टीबूराम मांझी का संघर्ष
-जीवटता. पेंशन की राशि से सड़क व पुलिया बनाते रहे हैं टीबूराम मांझी, क्षेत्र के लोग उन्हें झारखंड का दशरथ मांझी के नाम से पुकारते हैं, रांची से दूरदर्शन की टीम पहुंची लुकइकनाली, बनायी डॉक्यूमेंट्री फिल्म, दूरदर्शन के वेलडन इंडिया कार्यक्रम में 10 जून की दोपहर दो बजे होगा प्रसारण
गालूडीह. एमजीएम थाना क्षेत्र की सुदूरवर्ती दलदली पंचायत के लुकइकनाली निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक 87 वर्षीय टीबूराम मांझी 10 जून की दोपहर दो बजे दूरदर्शन के कार्यक्रम ‘वेलडन इंडिया’ में दिखेंगे. इसके लिए दूरदर्शन की टीम सोमवार को लुकइनाली गांव में शूटिंग करने पहुंची. टीबूराम मांझी पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बन रही है. दूरदर्शन रांची की टीम में डॉयरेक्टर पंकज सिन्हा, कैमरामैन प्रबुद्ध झा, एंकर सुशांत कुमार आदि शामिल थे.
गांव के विकास के लिए कर रहे काम
ज्ञात हो कि क्षेत्र के लोग टीबूराम मांझी को झारखंड के दशरथ मांझी कहते हैं. टीबू बाबू सरकारी शिक्षक थे. 1999 में सेवानिवृत्त हुए. उसके बाद अपनी पेंशन की राशि से गांव की बदहाल सड़क की मरम्मत कराते रहे. पेंशन की राशि से सांपधोरा नाला पर लकड़ी की पुलिया बनवायी. गांव को शराब मुक्त करने का बीड़ा उठाया. खेलों को प्रोत्साहित किया और मैदान बनवाया. शिक्षा को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया. गरीब बच्चों को शिक्षा दी.कांपते हाथों से चलाते हैं कुदाल
टीबू राम मांझी इस उम्र में श्रमदान कर सड़क मरम्मत में हाथ बंटाते हैं. कांपते हाथों में कुदाल पकड़ते हैं. प्रभात खबर 2014-15 से उक्त खबर को प्रकाशित करता रहा है. टीबू बाबू ने प्रभात खबर में छपे समाचारों को संकलन कर फ्रेम करा कर रखा है.दूरदर्शन की टीम ने ग्रामीणों से की बात
दूरदर्शन की टीम ने टीबू राम के बारे में ग्रामीणों से जानकारी ली. मौके पर मुखिया सुजाता हांसदा, पूर्व मुखिया मिनोती टुडू, बांकी के पूर्व मुखिया दुर्लभ हांसदा, डॉ भवेश महतो, श्याम चरण, वैद्यनाथ महतो, रवींद्र नाथ मार्डी, बबलू, सुनीता आदि ने जानकारी दी. टीबूराम आज भी साइकिल से चलते हैं. सादगी की जिंदगी जीते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है