East Singhbhum news : घाटशिला के माकुली में तीन दिनों से बैल लापता, आसपास में मिले बाघ के पैरों के निशान, शिकार करने की आशंका, खौफ में ग्रामीण

वन विभाग ने पदचिह्नों से की पुष्टि, आज भी फिर जंगल में जायेगी टीम, मवेशी चराने गये किसान ने कहा-तीन दिनों से बैल लापता,

By Prabhat Khabar News Desk | January 24, 2025 12:17 AM

गालूडीह/घाटशिला. घाटशिला वन क्षेत्र के माकुली जंगल व झरना के पास गुरुवार को एक बार फिर बाघ के पंजों के निशान मिले हैं. सूचना पर घाटशिला के रेंजर विमद कुमार टीम के साथ माकुली जंगल पहुंचे और बाघ के पदचिह्नों को देखा. जांच के बाद विभाग ने बाघ के पंजे के निशान की पुष्टि की. रेंजर ने कहा कि एक किसान का बैल भी तीन दिनों से लापता है. उसके शिकार होने की आशंका है. घना जंगल और शाम ढलने से वन विभाग की टीम आज नहीं पहुंच पायी. शुक्रवार को टीम वहां पहुंचेगी और बैल के अवशेष को देख पुष्टि करेगी. वहीं, जंगल में बाघ के नये पदचिह्न मिलने से उसके आस पास शरणागत होने की बात साफ हो गयी. दो दिन पहले बासाडेरा के बाद बाघ का ट्रेस नहीं मिल रहा था. पंजे के निशान भी नहीं मिल रहे थे. पर आज फिर से पंजे के निशान मिलने से क्षेत्र के ग्रामीणों में बाघ का खौफ है.

16 कैमरे लगे हैं, पर बाघ अब तक कैद नहीं

मालूम हो कि सीमा पर 16 नाइट विजन सीसीटीवी कैमरे वन विभाग ने लगाये हैं. पर बाघ अब तक कैमरे में कैद नहीं हुआ है. लेकिन लगातार पदचिह्न मिल रहे हैं. डीएफओ सबा आलम अंसारी के नेतृत्व में तीन टीम घाटशिला रेंज के आसपास वन क्षेत्र में बाघ की तलाश में जुटी हुई है.

माकुली के किसान का बैल तीन दिनों से लापता

तीन दिन पहले माकुली गांव के किसान श्रीधर बांडरा और उसका बेटा मांगू बांडरा मवेशी चराने गये थे. लेकिन एक बैल शाम तक नहीं लौटा. खोजबीन की पर पता नहीं चला. किसान के पुत्र मांगू बांडरा ने जंगल में बाघ होने की बात बतायी. सूचना पाकर रेंजर विमद कुमार पहुंचे और किसान से जानकारी ली. रेंजर ने कहा शिकार होने की संभावना है. पर कल जंगल के अंदर जायेंगे तो इसकी पुष्टि हो पायेगी. पर किसान ने कहा कि बैल का शिकार बाघ कर चुका है. अन्यथा बैल घर लौट आता.

वन विभाग ने कहा- जंगल जाने से परहेज करें ग्रामीण

माकुली में बाघ के होने के बात सामने आने से पर वन विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया है. ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने की सलाह दी गयी है. ज्ञात हो कि दालमा वन क्षेत्र में लगभग 12 जनवरी को बाघ होने की सूचना मिली थी. 18-19 जनवरी से घाटशिला रेंज में बाघ प्रवेश किया. एमजीएम के आमबेड़ा, फिर डुमकोकाचा, फिर बासाडेरा में बाघ के पंजे के निशान मिले. आज माकुली में बाघ होने की पुष्टि हो चुकी है.

घाटशिला रेंज में विगत वर्ष बैलों का हुआ था शिकार

वर्ष 2020 में भी जाड़े के समय दिसंबर माह में एक बाघ ने घाटशिला रेंज के झाटीझरना के फूलझोर से बासाडेरा तक विचरण किया था. तब भी पंजे के निशान मिले थे और दो बैलों का शिकार भी बाघ ने किया था. फिर समय बीतने के साथ बाघ का पता नहीं चला. तब भी पूर्व डीएफओ ने बाघ होने की पुष्टि की थी. अब फिर से इस क्षेत्र के जंगल में बाघ का खौफ व्याप्त हो गया है. कई जगह पंजे के निशान मिलने से बाघ के होने की पुष्टि हो चुकी है. ———————————–घाटशिला के बासाडेरा के बाद आज फिर माकुली में बाघ के पदचिह्न मिले हैं. मैं वहां गया था. एक किसान ने बैल के शिकार बाघ द्वारा करने की बात भी बतायी है. शुक्रवार को टीम जायेगी और बैल के अवशेष को ढूंढेगी. हालांकि मिले पंजे के निशान से यह साफ है कि बाघ माकुली जंगल में शरणागत है. वन विभाग नजर रख रही है. कैमरे लगाये गये हैं. वन विभाग की टीम लगातार घूम रही है.

-विमद कुमार, रेंजर, घाटशिला

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