चाकुलिया. ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भागकर झारखंड पहुंची बाघिन ”जीनत” छह दिनों से चाकुलिया वन क्षेत्र में विचरण कर रही है. वहीं, कड़ाके की ठंड में ओडिशा वाइल्डलाइफ और चाकुलिया वन विभाग की टीम दिन-रात बाघिन को पकड़ने में जुटी है. जानकारी के अनुसार, दो दिनों तक चियाबांधी जंगल में रहने के बाद बाघिन वापस राजाबासा जंगल में लौट आयी है. पिछले 48 घंटे से राजाबासा जंगल में है. इस बीच खबर है कि बाघिन ने एक गाय का शिकार किया है.
घास चरने गयी गाय वापस नहीं लौटी
दरअसल, राजाबासा निवासी विजय नायक ने प्रतिदिन की तरह अपनी गाय को चरने के लिए छोड़ दिया था. उनकी गाय घर के समीप जंगल में चरती थी. शनिवार को गाय वापस नहीं लौटी है. किसान विजय ने आसपास के क्षेत्र में तलाश की, लेकिन पता नहीं चल सका है. ऐसे में ग्रामीणों को अंदेशा है कि बाघिन ने गाय का शिकार कर लिया है.पिंजड़े में भैंस बांधा गया, लेकिन नहीं पहुंची बाघिन
ओडिशा वाइल्डलाइफ टीम के डीएफओ साईं किरण व सम्राट गौड़ा पूरी टीम के साथ बाघिन पर नजर रखे हुए हैं. 24 घंटे बाघिन का लोकेशन ट्रैक किया जा रहा है. जंगल में वनकर्मी भोजन कर रहे हैं. राजाबासा जंगल में बाघिन को पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया था. पिंजरे में भैंस के बछड़े को रखकर बाघिन के फंसने का इंतजार किया जा रहा था, परंतु बाघिन इस चाल में नहीं फंसी है.24 नवंबर को ओडिशा से निकली थी बाघिन
गौरतलब हो कि बाघिन को पकड़ने के लिए हर प्रयास अबतक असफल साबित हुए हैं. 24 नवंबर को बाघिन ‘जीनत’ सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भाग निकली है. 21वें दिन भी वन विभाग की टीम पकड़ नहीं पायी है.शाम होते ही गांवों में पसर रहा सन्नाटा
चाकुलिया वन क्षेत्र में पिछले छह दिनों से बाघिन घूम रही है. वहीं, आसपास के ग्रामीण दहशत में हैं. क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा को लेकर धारा 144 लगायी गयी है. वहीं, आसपास के स्कूल को बंद रखा गया है. ग्रामीण दिन में भी बच्चों को घरों से नहीं निकलने दे रहे हैं. जबकि, शाम होते ही गांवों में सन्नाटा पसर जाता है. लोग घरों में कैद हो जा रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है