ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भागी बाघिन ‘जीनत’ कैसे पकड़ी गयी? देखें वीडियो

Tigress Zeenat Caught: ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भागी बाघिन 'जीनत' पश्चिम बंगाल के रानीबांध से पकड़ी गयी. बाघिन के पकड़ाने से क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है.

By Guru Swarup Mishra | December 29, 2024 9:33 PM

Tigress Zeenat Caught: चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), राकेश सिंह-36 दिन पहले ओडिशा के सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से भाग निकली बाघिन ‘जीनत’ रविवार को पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा के समीप रानीबांध जंगल से पकड़ी गयी. ट्रेंकुलाइजर गन के सहारे बाघिन जीनत को ट्रेंकुलाइज किया गया. इससे पहले जंगल में बाघिन के लिए भैंस के बछड़े को छोड़ा गया था और जंगल के बाहरी हिस्से को जाल से घेर दिया गया था. जैसे ही बाघिन शिकार के लिए भैंस पर झपट्टा मारा. पहले से तैयार ओडिशा वन विभाग की टीम ने निशाना लगाकर बाघिन को बेहोश कर दिया और तत्काल बांस के स्ट्रेचर के सहारे उठाकर उसे वाहन में बंद कर दिया. बाघिन के पकड़ाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.

https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/12/WhatsApp-Video-2024-12-29-at-7.15.43-PM.mp4

चाकुलिया के राजाबासा जंगल में लंबे समय तक रही बाघिन


ओडिशा वन विभाग की टीम इससे पहले भी कई बार ऐसा प्रयास कर चुकी थी, परंतु सफलता इस बार मिली. 24 नवंबर को ही सिमलीपाल टाइगर रिजर्व से बाघिन जीनत भाग निकली थी. ओडिशा से बाघिन सबसे पहले झारखंड के गुड़ाबांधा में प्रवेश की. गुड़ाबांधा के रास्ते चाकुलिया प्रखंड स्थित नयाग्राम, राजाबासा बड़ामचट्टी, घाघरा होते हुए पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर गयी. बाघिन जीनत सबसे लंबे समय तक चाकुलिया स्थित राजाबासा के जंगल में रही. पहले झारखंड और फिर बाद में पश्चिम बंगाल पहुंची बाघिन जीनतत कड़ी मशक्कत के बाद रविवार को वन विभाग की पकड़ में आयी.

बाघिन के पकड़ाने से ग्रामीणों को मिली राहत


बाघिन जीनत पश्चिम बंगाल के सिमलपाल, बांदवान, पुरुलिया के रास्ते बांकुड़ा जिले के रानीबांध जंगल पहुंच गयी थी. ओडिशा के वन विभाग की टीम पश्चिम बंगाल की मदद से लगातार इसको पकड़ने की कोशिश में पीछे-पीछे चल रही थी. बाघिन को पकड़ने के लिए सुंदरवन से एक्सपर्ट टीम भी बुलायी गयी थी. लगभग 36 दिन पहले ओडिशा के सिमलीपाल फॉरेस्ट रिजर्व से अपने मूल निवास स्थान महाराष्ट्र के जंगल को खोजते-खोजते गुड़ाबांदा, चाकुलिया होते हुए बंगाल की सीमा में प्रवेश कर गयी थी. बाघिन के पकड़ाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. वन विभाग के वेटनरी डॉक्टर उसके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: East Singhbhum : जंगल में झोपड़ी बना रहते हैं दंपती, न आवास मिला न राशन

Next Article

Exit mobile version