East Singhbhum : तिलका मांझी के जल, जंगल और जमीन की लड़ाई आज भी झारखंड में प्रासंगिक : रामदास

जगन्नाथपुर में तिलका जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए मंत्री रामदास सोरेन

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2025 11:45 PM

गालूडीह. घाटशिला प्रखंड के जगन्नाथपुर में मंगलवार को स्वतंत्रता आंदोलन के नायक तिलका मांझी की 275वीं जयंती समारोहपूर्वक मनायी गयी. मुख्य अतिथि स्कूली शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने तिलका मांझी की आदमकद मूर्ति पर माल्यार्पण कर नमन किया. नायके ने पहले पूजा की. मंत्री ने कहा कि तिलका मांझी का जन्म 11 फरवरी, 1750 को संताल परिवार में हुआ था. उन्होंने साल 1771 से 1784 तक अंग्रेजों से लंबी लड़ाई लड़ी. उन्होंने किसानों को संगठित कर अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया. मात्र 18 वर्ष की आयु में संताल परगना क्षेत्र से ब्रिटिश सरकार की दमनकारी व्यवस्था के खिलाफ खुलकर संघर्ष किया. भागलपुर और संताल परगना के पहाड़ी इलाकों में छापामार लड़ाई लड़ी. 1785 में गोली लगने से वह घायल हो गये, तब अंग्रेजों की सेना ने गिरफ्तार कर लिया. घोड़े के पीछे बांधकर पूरे शहर में घसीटा. 13 जनवरी 1785 में पेड़ से लटका कर तिलका माझी को फांसी दी गयी.

मंत्री ने कहा कि तिलका मांझी के जल, जंगल और जमीन की लड़ाई आज भी झारखंड में प्रासंगिक है. उनकी लड़ाई से आदिवासियों को सीएनटी-एसपीटी एक्ट मिला. इसे झारखंड में खत्म करने की कोशिश भाजपा ने की. झामुमो के आंदोलन से बचा.

वीर सिदो-कान्हू को भी मंत्री ने किया नमन

मंत्री रामदास सोरेन ने सिदो-कान्हू दिशोम जाहरेगाड़ परिसर में स्थापित वीर सिदो-कान्हू की मूर्ति पर नमन किया. उन्होंने कहा कि महापुरुषों की कुर्बानी को आदिवासी समाज याद रखे. उनके बताये रास्ते पर चले. मौके पर झामुमो नेता कालीपद गोराई, जगदीश भकत, वकील हेंब्रम, श्रवण अग्रवाल, रतन महतो, दुर्गा मुर्मू, काजल डॉन, मंटू महतो, बादल किस्कु, दुलाराम टुडू, फूलचांद टुडू, विमल मार्डी, बबलू हुसैन, सिप्पू शर्मा, अशोक महतो, दुर्गा चरण मुर्मू, नीलकांत महतो, सुखलाल हांसदा, रायसेन टुडू, दुलाल चंद्र हांसदा आदि उपस्थित थे.

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