East Singhbhum News : डुमरिया आदर्श स्कूल में दो शिक्षकों के भरोसे छठी से 12वीं तक पढ़ाई
मॉडल स्कूल 14 साल से पुराने भवन में चल रहा, स्कूल में शिक्षकों की कमी से पढ़ाई प्रभावित, अभिभावकों में आक्रोश
डुमरिया. डुमरिया प्रखंड का मॉडल स्कूल 14 साल से पुराने भवन में चल रहा है. वर्ष 2011 में अष्टकोशी प्लस टू उच्च विद्यालय भालुकपातड़ा परिसर के पुराने भवन में छठी से 12वीं तक की कक्षाएं चलती हैं. विद्यालय में 185 विद्यार्थी हैं. 11वीं व 12वीं में 23 विद्यार्थी हैं. इन्हें पढ़ाने के लिए सिर्फ दो शिक्षक कार्यरत हैं, जो प्रतिनियुक्ति पर हैं. प्रभारी प्रधानाध्यापक सागरमय गिरि को उउवि नरसिंहबहाल से और जयदेव कुमार को मवि बाकुलचंदा से प्रतिनियुक्त किया गया है. प्लस टू के विद्यार्थियों के लिए पीजीटी शिक्षक नहीं हैं.
बच्चों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़
माॅडल विद्यालय खोलने का उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्र के गरीब प्रतिभावान बच्चों को पढ़ाई का बेहतर माहौल के साथ संसाधन मिलेंगे. डुमरिया माॅडल स्कूल की जमीनी हकीकत से लोग निराश हैं. यहां शिक्षकों की कमी के बारे में जिला शिक्षा पदाधिकारी को कई बार अवगत कराया गया, लेकिन आज तक पहल नहीं हुई. यहां अध्ययनरत बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने विद्यालय को लिया है गोद
आश्चर्यजनक है कि इस विद्यालय को जिला ने आदर्श स्कूल घोषित किया है. वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी मनोज कुमार ने इसे गोद लिया है. इसके बावजूद स्कूल बदहाल स्थिति में है.सालों से अधूरा है माॅडल स्कूल भवन
माॅडल स्कूल का भवन निर्माण बारेडीह गांव में 3 करोड़ रुपये की लागत से हो रहा था, जो वर्षों से अधूरा है. अब खंडहर में तब्दील हो रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है