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East Singhbhum News : घाटशिला के बासाडेरा की दो जलमीनार व चापाकल महीनों से खराब, जल संकट

पानी के लिए इधर-उधर भटकते को विवश हैं ग्रामीण, विभाग से शिकायत कर थक चुके हैं ग्रामीण, बढ़ रहा आक्रोश

घाटशिला. घाटशिला प्रखंड की कालचिती पंचायत स्थित बासाडेरा गांव में जल एवं स्वच्छता विभाग से लगी दो जलमीनार कई माह से खराब है. ऐसे में ग्रामीणों को पानी के लिए परेशानी उठानी पड़ती है. ग्रामीणों ने बताया कि लखी चरण महतो और बाबूलाल सिंह के घर के पास जलमीनार बनायी गयी है. ग्रामीण उक्त टंकी से पीने का पानी लेते थे. किसी कारण से दोनों जलमीनार खराब है. ग्रामीणों ने कहा कि इसकी सूचना कई बार पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से विभाग को दी गयी. सोहन सिंह के घर के पास एक चापाकल खराब है. मुखिया बैजनाथ मुर्मू ने बताया कि जल एवं स्वच्छता विभाग के जेई से इसकी कई बार शिकायत हुई है. विस चुनाव समाप्त हो गया है. जलमीनार व चापाकल मरम्मत की दिशा में पहल होगी.

घाटशिला : काशिदा पंचायत में 45 चापाकल खराब, 27 की मरम्मत हुई

घाटशिला. घाटशिला प्रखंड की काशिदा पंचायत के 130 चापाकलों में 45 चापाकल खराब हैं. बार-बार ग्रामीणों की मांग को देखते हुए मुखिया तारामणि मुंडा की पहल पर गहनडीह सबर बस्ती में चापाकल की मरम्मत करायी गयी. पंचायत में 27 चापाकल की मरम्मत करायी गयी है. मुखिया ने बताया कि गर्मी से पूर्व काशिदा पंचायत के सभी चापाकलों की मरम्मत करायी जायेगी. कुछ जगहों को चिह्नित किया गया है, जहां पंचायत निधि से जलमीनार लगायी जायेगी.

बीडीओ से सबरों ने शिकायत की थी

बीडीओ यूनिका शर्मा ने पिछले दिनों गहनडीह सबर बस्ती में कंबल वितरण किया था. इस दौरान ग्रामीणों ने चापाकल मरम्मत कराने की मांग की थी. ग्रामीणों का कहना है कि चापाकल मरम्मत नहीं होने से आंगनबाड़ी केंद्र से पानी लेना पड़ता है. पंचायत प्रतिनिधि को सुझाव दिया कि चापाकल मरम्मत कराने की दिशा में पहल करें. पंचायत सचिव को निर्देश जारी कर चापाकल मरम्मत का आदेश दिया गया है.

नाकदोहा की जलमीनार बेकार, दूर-दराज से पानी ला रहे ग्रामीण

बहरागोड़ा प्रखंड के नाकदोहा में विगत कई माह से जलमीनार खराब है. ग्रामीणों की ओर से सूचना देने पर भी विभाग पहल नहीं कर रहा है. ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है. ग्रामीण हलधर सोरेन, रुम्फा सोरेन, रवीन्द्र नाथ सोरेन, कुनाराम सोरेन, मायनो सोरेन, सोमवारी सोरेन, रोमनी सोरेन, श्याम सोरेन, कमल हांसदा, नगेन सोरेन, अलकेन्द्र हांसदा, कापरा हांसदा, कमल कृष्ण हासदा, राधी हांसदा, जगतपति हांसदा, लेवो हांसदा, मायावती हांसदा आदि ने ने कहा कि पानी की गंभीर समस्या है. हमें दूर-दराज से पानी लाकर प्यास बुझानी पड़ रही है. विभाग को पेयजल की समस्या को लेकर कई बार अवगत करा चुके हैं.

गालूडीह : प्राचीन शिव मंदिर के पास की जलमीनार चार माह से खराब

घाटशिला प्रखंड की महुलिया पंचायत स्थित बनियापाड़ा में प्राचीन शिव मंदिर के पास की सोलर संचालित जलमीनार चार माह से खराब है. मंदिर के पुजारी विश्वनाथ चटर्जी ने इसकी जानकारी पंचायत समिति सदस्य शीला गोप को दी. पंसस ने निरीक्षण कर बताया कि मशीन में लगे केबुल पैनल बॉक्स खराब है. पुजारी ने कहा कि जलमीनार खराब होने के कारण मंदिर में आने वालों को असुविधा होती है. पंसस को लोगों ने पूछा कि जलमीनार 5 वर्ष पूर्व पंचायत स्तर से बनी थी. इसके कारण मरम्मत की अवधि समाप्त हो चुकी है. पंसस ने पुजारी से कहा कि वह अपने स्तर से जलमीनार चालू कराने के लिए पहल करेगी. लोगों को पूजा के लिए पानी नहीं मिलना दुर्भाग्य जनक है. पुजारी ने कहा कि लोग नजदीक में लगे चापाकल से पानी लाकर पूजा कर रहे हैं.

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पानी की सुविधा नहीं, नाली से स्लैब चोरी

मुसाबनी न्यू कॉलोनी में सड़क किनारे संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में पीने का पानी की सुविधा नहीं है. दरअसल, असामाजिक तत्वों ने भवन परिसर में लगी बोरिंग के मोटर की चोरी कर ली है. भवन के मुख्य प्रवेश द्वार के पास नाली पर लगे स्लैब की असामाजिक तत्वों ने चोरी कर ली है. इससे इलाज के लिए पहुंचने वाले रोगियों को परेशानी हो रही है. पानी की सुविधा नहीं रहने से आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कार्यरत कर्मियों के साथ रोगियों को परेशानी होती है. बाहर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है. आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सीएचओ तृप्ति रानी पाल और एएनएम सुष्मिता मिंज पदस्थापित हैं. सीएचओ के मुताबिक, पानी की परेशानी के समाधान के लिए प्रभारी को लिखित दी गयी है. आयुष्मान आरोग्य मंदिर का भवन सड़क किनारे है. रात में असामाजिक तत्व भवन पर पत्थरबाजी करते हैं. इससे भवन के ऊपरी ताले की खिड़की में लगे शीशे टूट गये हैं. रात में भवन परिसर में प्रकाश की कोई व्यवस्था नहीं है.

पोचाखाली की जलमीनार तीन साल से खराब, जल संकट

बहरागोड़ा प्रखंड की पुरनापानी पंचायत अंतर्गत पोचाखाली गांव के लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. गांव की एकमात्र सोलर जलमीनार विगत 3 साल से खराब है. गांव में 38 परिवार हैं. लोग पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं. लोगों का कहना है कि हम पानी की समस्या से परेशान हैं. आज तक किसी ने सुधि नहीं ली. कई बार विभाग को दूरभाष पर जानकारी दी गयी. सिर्फ आश्वासन मिलता है. लोगों ने कहा कि जल्द सोलर पंप की मरम्मत नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन करेंगे. गांव के लोगों को नहाने के लिए 2 किमी दूर खाल में जाना पड़ता है. गाय- बकरी भी खाल के भरोसे जीवित हैं. यह गांव आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यहां के लोगों के साथ अनदेखी की जा रही है.

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