जमशेदपुर.देश के किसी भी विश्वविद्यालय में अब ऐसे शिक्षक जिनकी सेवा अवधि तीन साल से कम बची है, वे पीएचडी गाइड नहीं बन सकेंगे. इसे लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने कोल्हान विवि को एक पत्र लिख कर स्पष्ट किया है. कोल्हान विवि के फिजिक्स के इंचार्ज डॉ संजय कुमार गोराई ने पिछले दिनों यूजीसी को पत्र लिखा था. जिसमें पूछा था कि किस सेवाकाल की अवधि तक शिक्षक पीएचडी गाइड बन सकते हैं. इसका लिखित जबाब यूजीसी ने भेजा है. इसमें बताया है कि तीन साल से कम की सेवा अवधि रहने पर शोध निर्देशन नहीं कर सकेंगे. पूर्व में कोल्हान विवि के साथ ही अन्य विश्वविद्यालयों में ऐसा हो रहा था. लेकिन, यूजीसी ने 2022 के गाइडलाइन के निर्धारित प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि पूर्व में पंजीकृत कराये गये शोध छात्रों के लिए रिटायरमेंट के बाद वे को-गाइड बन जायेंगे. साथ ही यह भी कहा गया है कि 70 साल की अवधि तक ही कोई भी शिक्षक शोध करा सकेंगे. इस नियम का कड़ाई से पालन होगा. साथ ही ऐसे शिक्षक जो सस्पेंड हैं, वे भी गाइड नहीं बन सकेंगे. रेगुलर टीचर ही इस कार्य को कर सकेंगे. इस नियम के लागू होने के बाद कोल्हान विवि समेत कई अन्य विवि में पीएचडी के गाइड के लिए शिक्षकों की कमी हो सकती है.
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तीन साल कम की सेवा अवधि बचे रहने पर शिक्षक नहीं बन सकेंगे पीएचडी गाइड
कोल्हान विवि के फिजिक्स के इंचार्ज डॉ संजय कुमार गोराई ने पिछले दिनों यूजीसी को पत्र लिखा था
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