हाथियों के उत्पात से दहशत में जी रहे ग्रामीणों को राहत देने के लिए हाथियों को खदेड़ने गयी वन विभाग की चाकुलिया क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) पर पश्चिम बंगाल के ग्रामीणों ने हमला कर दिया. इसमें चौठिया निवासी हेमंत महतो गंभीर रूप से घायल हो गये. बंगाल के ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों को बंधक बनाकर उनके टॉर्च व एक दर्जन मशाल छीन लिये. मशाल के रड से हेमंत महतो पर हमला कर दिया. उसकी जेब से 200 रुपये निकाल लिये.
घटना बुधवार देर रात की है. रात लगभग 12:00 बजे घायल हेमंत को चाकुलिया सीएचसी में भर्ती कराया गया. बांकुड़ा से आये दस्ता के सदस्य भयभीत होकर भाग निकले. हेमंत समेत तीन सदस्य उनके बीच रह गये. तीनों पर रड से जानलेवा हमला किया गया. घटना में हेमंत के सिर पर गंभीर चोट पहुंची. हेमंत जंगल के भीतर अंधेरे में अकेले घायल अवस्था में कराहता रहा. वॉच टावर में छिपकर अपने बचाव के लिए साथियों का इंतजार करता रहा.
चाकुलिया थाने में बंगाल के 7-8 लोगों पर प्राथमिकी: प्रभारी वनपाल कल्याण महतो व घायल हेमंत महतो ने संयुक्त रूप से चाकुलिया थाना में पश्चिम बंगाल के बाघाखंदर निवासी कृष्णा पातर समेत सात अन्य के खिलाफ जानलेवा हमला कर मशाल, टॉर्च व पैसे छीनने से संबंधित शिकायत दर्ज करायी है.
बरसोल. बरसोल की सांड्रा पंचायत में जंगली हाथियों ने भादुआ प्राथमिक विद्यालय के रसोई घर का दरवाजा तोड़कर मध्याह्न भोजन के लिए रखे चावल व दाल खा गये. घटना बुधवार रात की है. प्रधानाध्यापक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि जंगली हाथियों ने चूल्हा और बर्तनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. हाथियों के डर से स्कूल के रसोई घर में कम मात्रा में चावल और दाल रखे जा रहे हैं.
घायल हेमंत महतो ने बताया कि पश्चिम बंगाल स्थित बांकुड़ा से हाथियों को भगाने के लिए एक विशेष दस्ता बुलाया गया है. इस विशेष दस्ता के साथ 20 सदस्यीय क्यूआरटी बुधवार की रात झारखंड-पश्चिम बंगाल की सीमा पर चाकुलिया प्रखंड के लोधाशोली पंचायत के देवशोल गांव पहुंची. टीम ने गांव में घुसे पांच जंगली हाथियों को खदेड़ना शुरू किया. इसी दौरान बंगाल की ओर से बाघाखंदर निवासी कृष्णा पातर के साथ 7-8 लोग पहुंच गये. चाकुलिया क्यूआरटी में शामिल लोगों को बंधक बना लिया. टॉर्च व मशाल छीन लिया.
चौका. चौका थाना की झाबरी पंचायत के पदोडीह में बुधवार की रात हाथियों ने उत्पात मचाया. हाथियों ने घासनी देवी का घर को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया. घर में रखा धान को हाथियों ने अपना निवाला बनाया. मालूम हो कि जंगली हाथियों का झुंड धुनाबुरु, मुसरीबेड़ा, केदारडीह व कोकेबेड़ा में उत्पात मचाने के बाद झाबरी पहुंचा.