जादूगोड़ा.
यूसिल में कार्यरत ठेका मजदूर श्याम सोरेन (30 वर्ष) की टीएमएच में इलाज के दौरान मंगलवार की रात मौत हो गयी. जिसकी खबर सुनते ही मेचुआ-बागुलासाई के ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. आक्रोशित लोगों ने जादूगोड़ा माइंस का गेट बुधवार की भोर 5 बजे से शाम चार बजे तक जाम कर विरोध जताया. जिसकी अगुवाई ग्राम प्रधान श्याम सोरेन ने की. इस दौरान स्थाई व अस्थाई यूसिलकर्मी कंपनी परिसर में नहीं जा पाये. ग्रामीणों की मांगों में कंपनी में मृतक के आश्रित को स्थायी नौकरी, बच्चों को कंपनी द्वारा संचालित केंद्रीय विद्यालय में निःशुल्क शिक्षा, डेथ बेनीफिट समेत अन्य शामिल थी. जानकारी होने पर यूसिल के अधिकारियों में हड़कम मच गया और वार्ता करने के लिए मृतक श्याम सोरेन के परिजनों व प्रतिनिधिमंडल को बुलवाया.इन मुद्दों पर बनी सहमति
वार्ता यूसिल कंपनी परिसर के प्रशासनिक भवन में हुई. जिसकी अध्यक्षता बीडीओ पुष्कर सिंह मुंडा ने की. जिसमें मृतक श्याम सोरेन कि पत्नी रावदे सोरेन द्वारा दिये आवेदन के आलोक में मंथन कर विभिन्न बिन्दुओं पर सर्वसम्मति बनी. जिसमें रावदे सोरेन को अनुकंपा के आधार यूसिल कंपनी में स्थायी नियोजन, सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने और सक्षम प्राधिकारी/ बोर्ड के अनुमोदन के बाद एक महीने के भीतर कर दिया जायेगा, सभी औपचारिकताएं पूरी करने पर ईपीई व ईएसआइसी से मिलने वाली सभी मुआवजा एक महीने के अंदर दिलवाने में यूसिल प्रबंधन हर संभव सहयोग करेगी. श्रीमती सोरेन की नौकरी लगने पर उनके आश्रित बच्चों को परमाणु ऊर्जा शिक्षा विद्यालय में शिक्षा करने, दुर्घटना के संदर्भ में विभागीय जांच कर कंपनी के नियमानुसार प्रशासनिक कार्रवाई करने पर सहमति बनी, फिर जाम हटाया गया.बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों में ये थे शामिल
पुष्कर सिंह मुंडा बीडीओ, हृषिकेश मरांडी सीओ, अभिषेक कुमार थाना प्रभारी, शरत चंद्र बेरा अंचल निरीक्षक, वहीं प्रबंधन की ओर से राकेश कुमार उप महाप्रबंधक, मनोरंजन महली उप महाप्रबंधक (खान), राजेश यादव, मुख्य अधीक्षक (यांत्रिक) मिल, कार्तिकेयन पी. मुख्य अधीक्षक (मिल) और परिजनों के प्रतिनिधिमंडल मे पूर्व जिप सदस्य बाघराय मार्डी, ग्राम प्रधान मेचुआ मंगल सोरेन, भाटिन मुखिया सीराम सोरेन, पिथों मांझी, कुशल सोरेन, रूपक मण्डल, दुर्गा महाली आदि.11 घंटे बाद यूसिल कर्मी गये ड्यूटी
इधर, माइंस गेट जाम होने से लगभग 11 घंटे तक स्थाई व अस्थाई यूसिलकर्मी गेट के बाहर ही फैसले का इंतजार कर रहे थे. प्लांट जाने वाली मुख्य सड़क जाम की स्थिति से कंपनी का उत्पादन प्रभावित हो गया है. समझौते के बाद जाम समाप्त होते ही यूसिल के स्थाई कर्मचारी अपने ड्यूटी में गये. जबकि अस्थाई कर्मियों का टाइम ख़त्म हो गया था, उनकी ड्यूटी गुरुवार से शुरू होगी.
11 घंटे बाद पानी सप्लाई शुरू
मेचुआ-बागुलासाई के ग्रामीणों द्वारा गेट जाम करने के साथ ही यूसिल जादूगोड़ा के आपातकालीन कार्य सेवा भी ठप थी, जिसमें यूसिल डैम से ही डब्लूटीपी की सप्लाई पानी भी बंद कर दी गयी थी. जिससे यूसिल आवासीय कॉलोनी, मिल, माइंस, स्टेट ऑफिस आदि समेत आस-पास के क्षेत्रों में पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप हो गयी थी. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. लगभग 11 घंटे तक चली वार्ता समाप्त होने के बाद पानी की सप्लाई शुरू की गयी.क्या है मामला
मालूम हो कि 19 सितंबर को यूसिल के बिजली विभाग में कार्यरत ठेकाकर्मी श्याम सोरेन 440 वोल्ट में यूसिल बराज में काम कर रहा था. इसी क्रम में तार में बिजली प्रवाहित हो गयी. हादसे में वह पूरी तरह झुलस गया. उसे टीएमएच में भर्ती कराया गया था. मंगलवार की रात श्याम सोरेन की मौत हो गयी. धरना-प्रदर्शन में पीड़ित परिवार की पत्नी रादेव सोरेन, मां मानव सोरेन, धरमू टुडू, पूर्व जिप सदस्य बाघराय मार्डी समेत श्याम दास सोरेन (करम घुटु), टोला प्रधान मंगल सोरेन, कुशल सोरेन आदि शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है