बरसोल : फसल व बांस को बर्बाद करे रहे हाथी
-तीन माह से हाथियों के झुंड से लुगाहारा, पानीशोल, लोधनवाणी गांव प्रभावित, दहशत
बरसोल. बरसोल क्षेत्र के लुगाहारा, पानीशोल, लोधन वाणी गांवों में तीन माह से हाथियों के आतंक से ग्रामीणों में दहशत है. हाथियों के झुंड ने अब तक सैकड़ों किसानों की फसल व बांस की खेती को नुकसान पहुंचाया है. इससे ग्रामीण परेशान हैं. शुक्रवार सुबह लुगाहारा गांव से सटे जंगल में 10 से 20 की संख्या में हाथियों के झुंड को ग्रामीणों ने देखा गया. हाथियों को भगाने के लिए ग्रामीण एकजुट हुए. हाथियों को पश्चिम बंगाल की तरफ जंगल की ओर खदेड़ने लगे. जहां हाथियों की निगरानी के लिए कई युवक पेड़ पर चढ़कर हाथियों को देख रहे थे. उसके बाद पटाखा फोड़ने व मशाल जलाने वाले युवक हाथियों की तरफ मशाल से पत्थर आदि फेंककर उन्हें भगा रहे थे. यह सिलसिला दिनभर चलता रहा.
लुगाहारा गांव के चारों ओर जंगल
मालूम हो कि जंगलों से घिरा लुगाहारा गांव है. ग्रामीण बलराम महतो, हरीश महतो, दुलाल महतो, कुमेत महतो, राजू महतो, राधिका महतो, शकुंतला महतो, गीता महतो, जयंती महतो, उपेन महतो ने बताया कि गांव के चारों तरफ जंगल है. इसलिए हाथियों का बसेरा है. गांव से जाने-आने में भी डर लगता है. गांव में हाथी बांस की खेती और तिल खेती को रौंदकर बर्बाद कर दे रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि इन दिनों एक बांस की कीमत 100 से 120 रुपये है. जब धान की खेती नहीं हो पाती, उसी समय बांस बेचकर परिवार चलाते हैं. अब बांस और धान ही नहीं रहेगा तो कैसे गुजारा होगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है