East Singhbhum : प्रभात इम्पैक्ट: पति की मौत के एक साल बाद विधवा को मिला मृत्यु प्रमाण पत्र
एक साल से कार्यालयों का चक्कर लगा रही थी सुसनीगढ़िया की विधवा, प्रमाणपत्र के बिना सरकारी योजनाओं के लाभ से हो रही थी वंचित
गालूडीह. घाटशिला प्रखंड की उलदा पंचायत स्थित सुसनीगढ़िया गांव निवासी लक्ष्मी कर्मकार अपने पति स्व पवन कर्मकार का मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए एक साल से भटक रही थी. प्रमाण पत्र नहीं मिलने से विधवा को पेंशन और पारिवारिक योजना का लाभ नहीं मिल रहा था. इसे लेकर प्रभात खबर ने 28 नवंबर को समाचार प्रकाशित किया था. इसके बाद घाटशिला एसडीओ ने मामले को संज्ञान में लिया. शुक्रवार को उलदा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि तारापद महतो ने महिला को उनके पति का मृत्यु प्रमाणपत्र सौंपा. अब महिला को पेंशन और पारिवारिक योजना का लाभ मिल सकेगा.
घर में मौत होने पर बढ़ जाती है परेशानी
जानकारी हो कि अभी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया जटिल कर दी गयी. अगर किसी की घर में बीमारी से मौत हुई, तो डॉक्टर से लिखाकर आवेदन जमा करना होगा. घर में मौत होने पर डॉक्टर लिखना नहीं चाहते हैं. उन्हें पता नहीं होता है कि मौत किस कारण से हुई है. इससे मामला पेचिदा हो गया है. घाटशिला प्रखंड के सैकड़ों लोग अपने परिजनों की मौत के बाद कई-कई माह से मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं.बीडीओ ने पहले भी तमाम सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल को विभागीय पत्र जारी कर कहा था कि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए सत्यापित करें. डॉक्टरों का कहना अस्पताल में मरीज भर्ती होगा, तब ना हम जानेंगे मौत के कारण क्या है. ऐसे कैसे सत्यापित कर सकते हैं. यहीं कारण है जल्द मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है