East Singhbhum News : तसर साड़ी तैयार कर आत्मनिर्भर हो रहीं महिलाएं
मुसाबनी में महिला बुनकर स्वावलंबी सहकारी समिति ने दिया प्रशिक्षण, महिलाओं को हस्त करघा और वर्कशेड केंद्र सरकार से मिला, साड़ी का सैंपल दिल्ली, मुंबई, भुवनेश्वर की हस्तकला प्रदर्शनियों में भेजा गया
मुसाबनी. मुसाबनी की महिला बुनकर स्वावलंबी सहकारी समिति स्थानीय महिलाओं को वस्त्र बनाने का प्रशिक्षण दिया. इससे महिलाएं कपड़ा तैयार कर आर्थिक रूप से सशक्त बन रही हैं. वर्ष 2014 में बनी समिति की अध्यक्ष पिंकी सोना और सचिव शबनम परवीन हैं. सचिव के मुताबिक वर्ष 2017 में समिति का पंजीकरण हुआ. अबतक करीब 100 महिलाओं को भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय और राज्य सरकार के झारक्राफ्ट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया. सूत से कपड़ा बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं हुनरमंद बनी हैं. वर्तमान में समिति से जुड़ीं महिलाएं कपड़ा तैयार कर आय कर रही हैं. महिलाओं को हस्त करघा और वर्कशेड केंद्र सरकार से मिला है.
तसर गोटी उपलब्धता कम होने से परेशानी
शबनम परवीन के मुताबिक, महिलाएं तसर की गोटी से सूत निकालकर तसर की फाइन साड़ी बना रही हैं. महिलाओं की बनायी तसर की साड़ी का सैंपल दिल्ली, मुंबई, भुवनेश्वर समेत कई जगह होने वाले हस्तकला की प्रदर्शनियों में भेजी गयी. सिल्क साड़ी बनाने के लिए समिति के समक्ष तसर गोटी की उपलब्धता की कमी है. समय व उचित मूल्य पर तसर गोटी मिली, तो लगभग पांच दर्जन महिलाओं को तसर गोटी से सूत निकालकर तसर की साड़ी बनाने में रोजगार मिलेगा. तसर के उत्पादों की मांग है.नाबार्ड से सहयोग लेने की तैयारी में समिति
समिति केंद्र सरकार की एजेंसी नाबार्ड से सहयोग लेने के लिए प्रयासरत है. महिलाओं ने झारक्राफ्ट के 500 सूती स्टॉल बनाने के आर्डर को पूरा किया है. वर्तमान में मास्टर ट्रेनर रंजू नायक की देखरेख में बसंती बेलदार, छाया पातर, संगीता बेलदार, हीरा बेलदार समेत महिलाएं रेशम की गोटी से सूत निकालकर रेशमी साड़ी और अन्य उत्पाद बनाने में जुटी हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है