Ghatshila News : दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र में तीन माह से काम ठप, हजारों किसान सुविधाओं से वंचित
- केंद्र में लाखों की गड़बड़ी उजागर होने के बाद बकाया की मांग पर मजदूर आंदोलित, खरीफ में हजारों किसानों को मिली निराशा, अब रबी में कोई उम्मीद नहीं
गालूडीह. पूर्वी सिंहभूम जिले के दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र में लाखों की गड़बड़ी उजागर होने के बाद तीन माह से केंद्र में काम ठप है. खरीफ मौसम में हजारों किसानों को निराशा मिली, अब रबी में भी कोई उम्मीद नहीं दिख रही. केंद्र में लाखों के कृषि उपकरण समेत अन्य कीमती सामान बर्बाद हो रहे हैं. बीते 28 अगस्त से दारीसाई कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों का प्रशिक्षण बंद है. इस केंद्र से जिले के 11 प्रखंडों के कई लाख किसान जुड़े हैं. रबी के मौसम में सरसों, चना, फूल समेत अन्य फसलों का प्रत्यक्षण कैसे होगा. धान पककर तैयार है. केंद्र में धान झाड़ने और काटने वाली मशीन बर्बाद हो रही है.
दारीसाई क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों को किसानों के खेत तक पहुंचाना है, जो तीन माह से नहीं हो रहा.गड़बड़ी कर केंद्र के अकाउंटेंट फरार, प्रधान कृषि वैज्ञानिक का स्थानांतरण
केंद्र के अकाउंटेंट दीपंकर भकत लाखों की गड़बड़ी कर फरार हो गया है. वहीं, केंद्र की प्रधान कृषि वैज्ञानिक डॉ आरती वीणा एक्का का स्थानांतरण हो गया है. दीपंकर भकत पर लाखों रुपये गबन का आरोप है. घोटाले की जांच बिरसा कृषि विश्वविद्यालय रांची की विशेष टीम कर रही है. डॉ आरती वीणा एक्का की जगह यहां डॉ अमरेश चंद्र पांडेय की पदस्थापना की गयी है.मजदूर 28 अगस्त से हड़ताल पर, भुखमरी की स्थिति
दूसरी ओर, केंद्र के मजदूर बकाया मजदूरी की मांग पर बीते 28 अगस्त से हड़ताल पर हैं. मजदूरों ने केंद्र को बंद कर दिया है. बीएयू रांची की टीम ने जांच कर जल्द समाधान का आश्वासन दिया, लेकिन अबतक कुछ नहीं हुआ. मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दो कृषि वैज्ञानिक को पीएचडी करने पहले ही चले गये हैं. अब दो कृषि वैज्ञानिक बचे हैं, जिन्हें कार्यालय में बैठने नहीं दिया जाता है. वे लोग केंद्र के बाहर या दूसरे भवन में बैठ कर काम करते हैं. इस केंद्र में हजारों किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता था. केंद्र बंद रहने से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.केंद्र बंद रहने से रबी फसल पर असर
रबी सीजन शुरू हो गया है. केंद्र बंद रहने से सरसों, चना, फूल आदि की खेती पर असर पड़ रहा है. धान कटनी के बाद रबी फसलों की बुआई जोर पकड़ेगा. किसानों का कहना है कि कृषि विज्ञान केंद्र जिस उद्देश्य के लिए खोला गया है, वह पूरा नहीं हो पा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है