East Singhbhum : घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में वर्ष 2024 में 941 शिशुओं का हुआ जन्म, दो की मौत
शिशु रोग विशेषज्ञ के बिना चल रहा अस्पताल, महिला रोग विशेषज्ञ को सदर अस्पताल भेज दिया गया
घाटशिला. घाटशिला अनुमंडल अस्पताल में साल 2024 में लगभग 941 माताओं का प्रसव कराया गया. इनमें 492 बच्चियां व 445 बच्चे शामिल रहे. अस्पताल में दो नवजात की मौत हो गयी. अनुमंडल अस्पताल में नवजात मृत्यु दर 0.002 फीसदी रही. हालांकि, अनुमंडल अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं. किसी तरह से अस्पताल संचालित हो रहा है. फरवरी माह में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ कुमुदिनी सरदार की पदस्थापना हुई. इसके बाद से व्यवस्था ठीक हुई. फिलहाल उन्हें सदर अस्पताल (जमशेदपुर) में स्थानांतरित कर दिया गया है. अनुमंडल अस्पताल में प्रसव केंद्र वर्ष 2017 से संचालित है. यहां 12 बेड हैं. एक इमरजेंसी और 5 वेटिंग रूम हैं. इनमें 6 बेड का नवजात को जन्म के बाद बेड तक पहुंचाया जाता है.
11 ममता वाहन व 194 स्वास्थ्य सहिया करती हैं काम
अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आरएन सोरेन ने बताया कि यहां प्रसव नि:शुल्क होता है. परिजनों को 1400 रुपये दिये जाते हैं. क्षेत्र में 11 ममता वाहन हैं. 194 स्वास्थ्य सहियाएं हैं. वह सहयोग करती हैं. गर्भवती को घर से लाना-पहुंचाना और 0 से एक वर्ष तक के नवजात का ख्याल रखा जाता है.
शिशु रोग व महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं
डॉ सोरेन ने कहा कि अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं हैं. महिला रोग विशेषज्ञ की जरूरत है. जिला की बैठक में मांग रखी जाती है. महिला रोग विशेषज्ञ के एक साल रहने पर व्यवस्था ठीक थी. अस्पताल का प्रसव केंद्र एएनएम और अन्य चिकित्सक के भरोसे है. एक साल में 941 शिशुओं का प्रसव केंद्र में जन्म हुआ. इसमें से 492 बच्ची और 445 बच्चे हैं. अनुमंडल अस्पताल में एएनएम जोबा रानी सोरेन, मंजू रानी महतो, सिनी हांसदा, कुल्लू 2017 से अलग शिफ्ट में काम करती हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है