आदिवासियों को नष्ट कर रही सरकार
बड़गड़ : प्रखंड कार्यालय बड़गड़ के प्रांगण में सोमवार को अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के आह्वान पर प्रखंड इकाई बड़गड़ के बैनर तले एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया. महासभा के प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन मिंज की अध्यक्षता में आयोजित इस धरना के माध्यम से सीएनटी- एसपीटी एक्ट में किए गए संशोधन वापस लेने, स्थानीय नीति रद्द करने, […]
बड़गड़ : प्रखंड कार्यालय बड़गड़ के प्रांगण में सोमवार को अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के आह्वान पर प्रखंड इकाई बड़गड़ के बैनर तले एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया.
महासभा के प्रखंड अध्यक्ष अर्जुन मिंज की अध्यक्षता में आयोजित इस धरना के माध्यम से सीएनटी- एसपीटी एक्ट में किए गए संशोधन वापस लेने, स्थानीय नीति रद्द करने, रंका अनुमंडल के सभी प्रखंडों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित करने, रंका अनुमंडल को एक अलग विधानसभा बनाने और आदिवासियों के लिए आरक्षित करने आदि की मांग की गयी. इस मौके पर अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के अध्यक्ष जयप्रकाश मिंज ने कहा कि राज्य की रघुवर सरकार बहुराष्ट्रीय कंपनियों व पूंजीपतियों के हित में काम कर रही हैं. सरकार आदिवासियों को नष्ट करना चाहती हैं.
इसलिए सरकार झारखंड की जनता से बिना राय-मशविरा व बिना पूछे सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन की है. सरकार ने झारखंड में आदिवासियों की संख्या को घटाने और बाहरी लोगों को झारखंड में बसाने के लिए स्थानीय नीति बनायी है. सरकार की इस जनविरोधी नीतियों के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन की दिशा में बढ़ना होगा. अखिल भारतीय आदिवासी महासभा इस आंदोलन का नेतृत्व करेगी. महासभा के केंद्रीय महासचिव सुनील किस्पोट्टा ने कहा की पिछले दिनों सरकार ने मोमेंटम झारखंड के जरिये देशी-विदेशी पूंजीपतियों के साथ करार की है.
इसमें कल-कारखाने व उद्योग लगाने के लिए जमीन देने की बात की है. इसके बाद झारखंड पूंजीपतियों का झारखंड हो जायेगा. यहां की जमीन की लूट होगी. कार्यक्रम को बुधलाल केरकेट्टा, विरद लकड़ा, राजेन्द्र कच्छप, केशव टोप्पो, दोयनिका कुजूर, जगदीश तिर्की, देवनिश तिर्की, राजेंद्र कच्छप आदि ने भी संबोधित किया. स्थानीय युवा नेता संदीप गुप्ता ने भी धरना स्थल पर पहुंच कर आंदोलन का समर्थन किया. धरना के अंत में नौ सूत्री मांगपत्र बीडीओ के माध्यम से राज्यपाल को भेजा गया.