भवनाथपुर: गढ़वा जिले के भवनाथपुर में बच्चों की सेहत से खिलवाड़ हो रहा है. बाल विकास परियोजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को जो पोषाहार दिया जा रहा है, उसकी एक्सपाइरी डेट बीत चुकी है. बताया जाता है कि संवेदक ने अधिकारी और परियोजना कर्मचारी को अपने साथमिला लिया है और जबरन यह पोषाहार बांटने के लिए मजबूर किया जा रहा है. बाल विकास परियोजना के अंर्तगत भवनाथपुर, केतार, खरौंधी प्रखंड को मिला कर 186 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. इसमें प्रतिमाह करीब 2900 बैग रेडी टू इट पैकेट बच्चों के बीच वितरण के लिए आता है.
केंद्र से जो पैकेट वितरित किये गये हैं, उस पर निर्माण की तिथि 11 मार्च, 2017 अंकित है. इसका उपयोग तीन महीने के भीतर कर लेने की सलाह भी पैकेट पर अंकित है. यानी 11 जून तक इन पैकेटों का इस्तेमाल हो जाना चाहिए था. लेकिन, ठेकेदार ने भवनाथपुर प्रखंड के अरसली उतरी पंचायत सिंदुरिया में ये पोषाहार 22 जून को पहुंचाये.
अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी एक्सपाइरी डेट बीत जाने के बाद आये इन पैकेट्स को स्वीकार कर लिये. मामला जब सामने आया, तो सहायक, सुपरवाइजर और संवेदक एक-दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ना चाहते हैं.
ठेकेदार मनीष कुमार ने कहा कि जिस पैकेट की एक्सपाइरी डेट बीत चुकी है, उसे वापस ले लिया जायेगा. वहीं सहायक अरुणेश कुमार ने कहा कि यह मामला उनके प्रभार लेने से पहले का है. उन्होंने कहा कि इन पैकेटों को समय से क्यों नहीं बांटा गया, यह जांच का विषय है. सेविका से इसका कारण बताने के लिए कहा जायेगा.
22 जून को मिला पोषाहार : सेविका
सिंदुरिया की झोपड़पट्टी केंद्र की सेविका संपत्ति टोप्पो ने बताया कि यह बैग उन्हें उन्हें 22 जून को मिला. उन्होंने पैकेट लेने से मना किया, लेकिन ठेकेदार ने जबरन यह पैकेट उन्हें दिया. ठेकेदार ने कहा कि एक्सपाइरी डेट बीत गया, तो क्या हुआ, बच्चों को सब बांट दीजिये. लेकिन उन्होंने पैकेट बच्चों के बीच नहीं बांटा और अपने पास ही रख लिया.
जांच के बाद होगी कार्रवाई : डीसी
इस संबंध में उपायुक्त डॉ नेहा अरोड़ा ने कहा कि मामला गंभीर है. पूरे मामले की जांच कराने के बाद उचित कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि पोषाहार के इस लाॅट को वापस करवाया जायेगा.