पिपरीकला उवि व प्लस टू विद्यालय का हाल, एक शिक्षक के जिम्मे 450 विद्यार्थी
विशुनपुरा: विशुनपुरा मुख्यालय से सात किलोमीटर दूर पिपरीकला गांव में उत्क्रमित मध्य विद्यालय में वर्ष 2007 से उच्च विद्यालय संचालित किया जा रहा है़ इस वर्ष से इस उच्च विद्यालय को प्लस टू का दर्जा मिल गया है़ लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से इसे प्लस टू का दर्जा देने का उद्देश्य पूरा नहीं […]
इन्हीं के भरोसे उवि के सभी छात्र-छात्राओं का पंजीयन, नामांकन, शिक्षण कार्य के अलावा विभागीय कार्य भी किये जाते हैं. उवि में 450 छात्र-छात्राएं हैं. 10 जुलाई से प्लस टू के लिये भी नामांकन शुरू हो गया है़ इस परिस्थिति में एक शिक्षक इतने विद्यार्थियों को पढ़ाने से लेकर अन्य कार्य करते होंगे, इसका सहज रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है़.
विदित हो कि यहां उत्क्रमित मवि के लिए चार सहायक शिक्षक व छह सहयोगी शिक्षक पदस्थापित हैं. लेकिन इसमें से एक सहायक शिक्षक को प्राथमिक विद्यालय बियार टोला पिपरीकला व छह सहयोगी शिक्षकों में से एक सहयोगी शिक्षक को प्राथमिक विद्यालय पचफेड़ी अमहर में प्रतिनियोजित किया जा चुका है़ वहीं प्राथमिक विद्यालय में 651 छात्र-छात्राएं हैं. छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में मध्य विद्यालय में भी शिक्षकों की कमी है़ उत्क्रमित मध्य विद्यालय पिपरी कला में 19 कमरा की संख्या में से छह कमरे में पिछले 10 वर्ष से उवि चल रहा है़ वहीं प्लस टू के लिए तीन कमरा देने का विभाग ने कहा है़ शेष 10 कमरा में ही उमवि पिपरीकला संचालित किया जा रहा है़ प्रधानाध्यापक अमित कुमार दुबे ने कहा कि उवि 2007 से ही चल रहा है़ इसमें पर्याप्त कमरा नहीं है़ साथ ही उपस्कर का भी अभाव है़, जिसके कारण छात्र-छात्राएं जमीन पर अथवा पेड़ के नीचे बैठते हैं. विद्यालय में पुस्तकालय व कंप्यूटर लैब जैसे संसाधन भी उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने इस संबंध में विभाग को कई बार लिखित आवेदन दिया है, लेकिन अभी तक उन्हें न और शिक्षक मिले हैं और न अन्य कोई सुविधा.