केतार (गढ़वा) : गढ़वा जिला में एक डॉक्टर ने मरीज का इलाज करने के एवज में 300 रुपये फीस ली थी. बाद में उन्हें पूरी रकम लौटानी पड़ी. मामला भवनाथपुर प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है.
आदिम जनजाति बहुल गांव लरहरा के रामप्रीत कोरवा और उनकी भतीजी ज्ञांति कुमारी बुखार से पीड़ित थे. दोनों गुरुवार सुबह 9.30 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गये. ओपीडी में डॉक्टर मौजूद नहीं थे. कुछ देर इंतजार करने के बाद ये लोग अस्पताल के बगल में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आशुतोष कुमार सिंह के सरकारी आवास पर चले गये.
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डॉक्टर साहब ने यहां दोनों की जांच तो कर ली, लेकिन 400 रुपये फीस की मांग कर दी. रामप्रीत ने डॉक्टर साहब से काफी आरजू-मिन्नतें कीं, लेकिन वह टस से मस नहीं हुए. कहा कि घर पर इलाज करेंगे, तो फीस तो लेंगे ही. अंततः 300 रुपये लेकर दोनों को जाने दिया. रामप्रीत ने बताया कि दो लोगों का इलाज कराने आये थे. पैसे खत्म हो जाने के कारण एक ही आदमी की दवा ले पाये. दूसरे की दवा शुरू नहीं हो पायी.
बाद में रामप्रीत ने विधायक से इसकी लिखित शिकायत की. शुक्रवार को हिंदी दैनिक समाचार पत्र प्रभात खबर ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया. इसके बाद प्रभारी चिकित्सक ने रामप्रीत कोरवा को बुलवाया और उसके 300 रुपये वापस कर दिये.
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रामप्रीत ने बताया कि प्रभारी चिकित्सक ने अपने आवास पर बुला कर घर के अंदर ले जाकर पैसे वापस किये. साथ ही कहा, ‘आपने हमें बड़ी उलझन मे डाल दिया. किसी तरह प्रेसवालों को मैनेज कीजिये. कहिये कि प्रभारी चिकित्सक ने कोई पैसा नहीं लिया. हम आपको पहचान नहीं सके. आइंदा से ऐसी गलती नहीं होगी.’