हर रोज जीवित होने का प्रमाण देने कार्यालय पहुंचते हैं बच्चू, कहते हैं ए भाई, जिंदा हूं मैं

गढ़वा : एक तरफ सरकार बुजुर्गों को शिविर लगाकर पेंशन सहित अन्य सुविधाएं देने का निर्देश आला अधिकारियों को देती है, दूसरी तरफ सरकार के आदेश लालफीताशाही में उलझकर रह जाता है. यहां अधिकारी और कर्मचारी सरकार के निर्देशों को आये दिन ठेंगा दिखाने का कार्य करते हैं. इसके कारण सरकारी योजना का लाभ लेना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2017 11:22 AM
गढ़वा : एक तरफ सरकार बुजुर्गों को शिविर लगाकर पेंशन सहित अन्य सुविधाएं देने का निर्देश आला अधिकारियों को देती है, दूसरी तरफ सरकार के आदेश लालफीताशाही में उलझकर रह जाता है. यहां अधिकारी और कर्मचारी सरकार के निर्देशों को आये दिन ठेंगा दिखाने का कार्य करते हैं. इसके कारण सरकारी योजना का लाभ लेना आमजन के लिये परेशानी का कारण बन जाता है.

इसका ताजा उदाहरण जिले का बरडीहा प्रखंड के बच्चु राम का पेंशन का मामला है. जहां कर्मचारियों की लापरवाही के कारण 75 वर्षीय बच्चु राम को प्रतिदिन प्रखंड कार्यालय में खुद के जीवित होने का प्रमाण देने जाना पड़ता है. यह क्रम पिछले दस महीने से चल रहा है.


समाचार के अनुसार बरडीहा प्रखंड मुख्यालय निवासी बच्चू राम विगत कई माह से पेंशन के लिये नाम जोड़वाने के लिये प्रखंड मुख्यालय का चक्कर लगा लगा कर थक चुके हैं. बच्चु राम को पूर्व से पेंशन मिल रहा था, परंतु जनवरी माह में उन्हें मृत बताते हुए उनका पेंशन बंद कर दिया गया. जब बच्चू राम को पेंशन मिलना बंद हो गया, तब वह प्रखंड मुख्यालय पहुंचे वहां कर्मचारियों ने बताया कि आपको पेंशन मिल जाएगा. पर जब कई माह हो जाने के बाद भी पेंशन नहीं मिला, तब वह गढ़वा जिला मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि उनका पेंशन मृत बताकर बंद कर दिया गया है. इसके बाद वे प्रत्येक दिन प्रखंड मुख्यालय में आकर अपने जीवित होने का प्रमाण देते रहते हैं, परंतु प्रखंड मुख्यालय के कोई भी पदाधिकारी व कर्मचारी बच्चू राम को जीवित मानने को तैयार नहीं है. इससे बच्चु राम को सरकारी व्यवस्था पर काफी रोष व्यक्त करते हुए देखा गया.

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