धूप में उठत-बैठत आइल रहीं

धुरकी (गढ़वा) : वृद्धापेंशन के लाभार्थियों की सूची में नाम जोड़वाने में लोगों को परेशानी हो रही है. प्रखंड के कुंबाकला गांव आदिम जनजाति परिवार के लोग सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्रखंड मुख्यालय गये. बीडीओ के नहीं रहने के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. कुंबाकला गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब नौ किलोमीटर दूर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2014 5:25 AM

धुरकी (गढ़वा) : वृद्धापेंशन के लाभार्थियों की सूची में नाम जोड़वाने में लोगों को परेशानी हो रही है. प्रखंड के कुंबाकला गांव आदिम जनजाति परिवार के लोग सूची में नाम जुड़वाने के लिए प्रखंड मुख्यालय गये. बीडीओ के नहीं रहने के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. कुंबाकला गांव प्रखंड मुख्यालय से करीब नौ किलोमीटर दूर है. आदिम जनजाति के वृद्ध महिला-पुरुष कड़ी धूप में अपने गांव से पैदल गये और पैदल ही वापस लौटे.

इसमें अन्य पिछड़ी जाति के भी कई वृद्ध शामिल थे. बीडीओ से मिलने आये सुखलाल कोरवा, उसकी पत्नी वसंती देवी, चैतू कोरवा, हसनी कुंवर, सूरजमल देवी, प्रसाद यादव, मुनेश्वर विश्वकर्मा, सोमती यादव आदि ने कहा कि- उन्हें बतावल गइल रहे कि ब्लॉक में वृद्धापेंशन में नाम जोड़ात बा. इहे सुनके यहां आइल रहीं. लेकिन बीडीओ साहेब हइये नइखन. धूप में उठत-बैठत आइल रहीं. अब अइसहीं उठत-बैठत घरे जाइब. इसी में से बसमतिया देवी एवं सुखलाल कोरवा ने कहा कि-पत्तल-दोना सीके काम चलावत ही.

लक्ष्कन सब कमाये बाहर गइल हवन. अब डीलर के यहां भी राशन नइखे मिलत. बड़ी हालत खराब बा. विधवा हसनी कुंवर ने विधवा पेंशन का फॉर्म दिखाते हुए कहा कि वह काफी दिनों से विधवा पेंशन के लिए चक्कर लगा रही है. लेकिन अभी तक उसका नाम विधवा पेंशन सूची में नहीं जोड़ा गया.

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