मौत के खिलाफ जाम रहा एनएच-75

आक्रोश. पिकअप वैन के धक्के से गुरुवार की शाम हुई थी पान दुकानदार की मौत चिनिया रोड स्थित शांति निवास स्कूल के समीप हुई दुर्घटना रांची ले जाने के क्रम में कामेश्वर चौरसिया की मौत मुआवजा दिये जाने के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया रंका मोड़ के पास थी पान की दुकान गढ़वा : […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2018 4:44 AM

आक्रोश. पिकअप वैन के धक्के से गुरुवार की शाम हुई थी पान दुकानदार की मौत

चिनिया रोड स्थित शांति निवास स्कूल के समीप हुई दुर्घटना
रांची ले जाने के क्रम में कामेश्वर चौरसिया
की मौत
मुआवजा दिये जाने के आश्वासन के बाद जाम हटाया गया
रंका मोड़ के पास थी
पान की दुकान
गढ़वा : शहर के चिनिया रोड स्थित शांति निवास स्कूल के समीप मोटरसाइकिल सवार कामेश्वर चौरसिया की मौत पिकअप वाहन के धक्के से हो गयी़ वह मूल रूप से औरंगाबाद के देव के रहनेवाले थे़, लेकिन वर्तमान समय में शहर के सहिजना मुहल्ले में रहते थे़ उनकी मौत के बाद आज सुबह परिजनों एवं अन्य लोगों ने आक्रोशित होकर गढ़वा सदर अस्पताल के समीप सड़क जाम कर दिया़ सड़क जाम की वजह से करीब तीन घंटे तक एनएच-75 पर आवागमन बाधित रहा़ बाद में गढ़वा बीडीओ जागो महतो द्वारा दिये गये आश्वासन के पश्चात जाम समाप्त किया गया़ समाचार के अनुसार गुरुवार की शाम 7.30 बजे कामेश्वर चौधरी मोटरसाइकिल से अपनी दुकान की ओर आ रहे थे़
इसी दौरान शांति निवास विद्यालय के समीप पिकअप वाहन (जेएच03एफ6199) के साथ जोरदार टक्कर हो गयी़ गंभीर अवस्था में घायल होने के बाद उन्हें गढ़वा सदर अस्पताल में ईलाज के लिये भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें रेफर किया गया़ लेकिन रांची ले जाने के पूर्व ही उनकी मौत हो गयी़ मौत के बाद उनके परिजन काफी आक्रोशित थे़ सुबह में अंत्यपरीक्षण के लिये पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और अंत्यपरीक्षण के बाद जब परिजनों को सौंपा, तो परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर आवागमन बाधित कर दिया़
परिजनों की मांग थी कि उन्हें सड़क दुर्घटना के एवज में मुआवजा दिया जाये तथा बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा सरकार उठाये़ जाम के दौरान झामुमो के केंद्रीय महासचिव मिथिलेश ठाकुर भी वहां पहुंचे और उन्होंने आंदोलनकारियों का समर्थन किया़ करीब तीन घंटे बाद बीडीओ द्वारा सरकारी प्रावधान के अनुसार दिये जानेवाले मुआवजे का आश्वासन मिलने के बाद सड़क जाम हटाया गया़ इस अवसर पर नागेंद्र चौरसिया, प्रमोद चौरसिया, सुभाष चौरसिया ,सुनील चौरसिया,सरोज चौरसिया, ब्रजेश चौरसिया, सुधीर चौरसिया, राकेश
चौरसिया,रंजीत चौरसिया, जयनंद चौरसिया सहित अन्य परिजन उपस्थित थे़ परिजनों ने बताया कि कामेश्वर चौरसिया करीब 10 वर्षों से गढ़वा में रहकर अपने परिवार का जीवन-यापन कर रहे थे़ रंका मोड़ पर उनकी एक पान की दुकान थी़ उसी से उनके चार बच्चों व घर के अन्य सदस्यों का खर्चा चल रहा था़ इस दुर्घटना के बाद पूरा परिवार छिन्न-भिन्न हो गया है़

Next Article

Exit mobile version