ऋण लिया नहीं व निकल गया कुर्की का आदेश
विजय शर्मा के नाम पर फरजी रूप से 2006-07 में निकाल ली गयी थी 17800 रुपये का ऋण बाद में बैंक ने भी माना विजय शर्मा ने नहीं लिया है ऋण नीलाम पत्र पदाधिकारी ने शाखा प्रबंधक को किया शो कॉज पीयूष तिवारी गढ़वा : ऋण के नाम पर बैंकों द्वारा फर्जीवाड़ा किये जाने के […]
विजय शर्मा के नाम पर फरजी रूप से 2006-07 में निकाल ली गयी थी 17800 रुपये का ऋण
बाद में बैंक ने भी माना विजय शर्मा ने नहीं लिया है ऋण
नीलाम पत्र पदाधिकारी ने शाखा प्रबंधक को किया शो कॉज
पीयूष तिवारी
गढ़वा : ऋण के नाम पर बैंकों द्वारा फर्जीवाड़ा किये जाने के एक मामले का खुलासा हुआ है़ बिना ऋण लिए ही विजय शर्मा नामक व्यक्ति के विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी करने व कुर्की-जब्ती का आदेश देने का मामला सामने आया है़
इसको लेकर नीलाम पत्र पदाधिकारी मधुश्री मिश्रा ने शाखा प्रबंधक को शो कॉज किया है़ साथ ही दो दिन के अंदर जवाब नहीं देने पर शाखा प्रबंधक के विरुद्ध अग्रेतर कार्रवाई की चेतावनी दी है़ मामला सामने आने के बाद हिरासत में लिये गये विजय शर्मा को छोड़ दिया गया है़ समाचार के अनुसार गढ़वा थाना क्षेत्र के संग्रहे पंचायत के चमरही गांव निवासी विजय शर्मा के विरुद्ध एसबीआइ उंचरी के शाखा प्रबंधक द्वारा नीलाम पत्र पदाधिकारी की अदालत में मामला दर्ज कराया गया कि वर्ष 2006-07 में 17800 रुपये ऋण लेने के बाद उन्होंने अभी तक न तो मूलधन जमा किया और न ही एक बार भी ब्याज दिया है़ शाखा प्रबंधक की ओर से दिये गये इस आवेदन के आधार पर विजय शर्मा के विरुद्ध नीलाम पत्र पदाधिकारी की ओर से 15 जनवरी 2018 को गिरफ्तारी वारंट व कुर्की जब्ती वारंट जारी कर दिया गया़ साथ ही उसका नाम हठी बकायदारों में शामिल करते हुए अखबारों में इश्तेहार जारी कर उसका नाम डिफॉल्टर के रूप में प्रकाशित कर दिया गया़ इसके पश्चात गढ़वा थाना पुलिस ने विजय शर्मा को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया़
जब विजय शर्मा की गिरफ्तारी हुई, तो उसने किसी भी तरह का ऋण लेने से इनकार किया़ पूरे मामले की छानबीन होने पर पता चला कि विजय शर्मा ने कभी ऋण लिया ही नहीं है़ इस पर वेरिफिकेशन के बाद शाखा प्रबंधक ने पत्र बीएम45/2017-18, दिनांक 26 फरवरी 2018 के माध्यम से नीलाम पत्र पदाधिकारी को अवगत कराया कि विजय शर्मा ने ऋण नहीं लिया़ बैंक मैनेजर के इस पत्र के बाद हिरासत में लिये गये विजय शर्मा को छोड़ दिया गया़ लेकिन इस पूरे मामले में शाखा प्रबंधक कटघरे में आ गये है़ं क्योंकि जब विजय शर्मा ने ऋण नहीं लिया, तो उसके नाम पर किसने 17800 रुपये की फर्जी निकासी कर ली और वह राशि अब किससे वसूल किया जायेगा़ साथ ही इश्तेहार के माध्यम से विजय शर्मा की मानहानि की गयी, उसका जिम्मेवार कौन है़ इसके लिए नीलाम पत्र पदाधिकारी ने शाखा प्रबंधक को दोषी बताते हुए शो कॉज किया है़
बैंक को शो कॉज किया है : मधुश्री मिश्रा : इस संबंध में निलाम पत्र पदाधिकारी मधुश्री मिश्रा ने बताया कि इस मामले में बैंक को अभी शो कॉज किया गया है़ दो दिन के अंदर जवाब मांगा गया है़ उसके बाद अग्रेतर कार्रवाई शाखा प्रबंधक के विरुद्ध की जायेगी.