सेविका-सहायिकाओं को काम पर लौटने की चेतावनी

नहीं लौटने पर सभी 2600 सेविका-सहायिकाओं को हटाया जायेगा : अधिकारी दबाव से डरनेवाले नहीं हैं : यूनियन गढ़वा : बीते सात मई से हड़ताल कर रही सेविका-सहायिकाओं को तीन दिन के अंदर काम पर लौटते हुए आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन पूर्व की तरह करने चेतावनी दी गयी है़ काम पर नहीं लौटनेवाली सेविका-सहायिकाओं को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2018 3:40 AM

नहीं लौटने पर सभी 2600 सेविका-सहायिकाओं को हटाया जायेगा : अधिकारी

दबाव से डरनेवाले नहीं हैं : यूनियन
गढ़वा : बीते सात मई से हड़ताल कर रही सेविका-सहायिकाओं को तीन दिन के अंदर काम पर लौटते हुए आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन पूर्व की तरह करने चेतावनी दी गयी है़ काम पर नहीं लौटनेवाली सेविका-सहायिकाओं को चयन मुक्त करने की चेतावनी दी गयी है़ इसको लेकर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शालिनी विजय ने कार्यालय के पत्रांक 580, दिनांक 12 मई 2018 से निर्गत पत्र में कहा है कि समाज कल्याण विभाग के सचिव ने 11 मई को आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह निर्देश जारी किया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए सेविका-सहायिकाएं हड़ताल पर गयी हुई है़ं
ऐसी स्थिति में यदि वे तीन दिन के अंदर हड़ताल समाप्त कर आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नहीं करती हैं, तो उनसे स्पष्टीकरण मांगते हुए चयनमुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी़ इधर इस पत्र के आलोक में झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के जिला संयोजक इम्तियाज खान ने जारी बयान में कहा है कि वे इस दवाब से डरनेवाले नहीं है़ं वे अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकाल तक हड़ताल पर डटे रहेंगे़ उन्होंने कहा कि कोई भी सेविका व सहायिका आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन नहीं करेगी़ उन्होंने कहा कि झारखंड प्रदेश की सभी सेविका-सहायिकाएं चयनमुक्त होने के लिए तैयार है़ं
लेकिन आंदोलन से पीछे हटने को तैयार नहीं है़ं उन्होंने सभी सेविका-सहायिकाओं से अनुरोध किया है कि वे हड़ताल में शामिल होने के लिए राजभवन पहुंचे और आंदोलन को मजबूती प्रदान करे़ं उल्लेखनीय है कि तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का दर्जा देने, वेतनमान लागू करने, सेवानिवृत्ति का लाभ देने सहित नौ सूत्री मांगों को लेकर सात मई से गढ़वा जिला से संचालित झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले रांची राजभवन में अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है़ इस वजह से गढ़वा जिले की आंगनबाड़ी व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गयी है़

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