पुराने आंकड़े पर ही लक्ष्य तय कर रहा कृषि विभाग
जिले में प्रत्येक साल बढ़ रहा है कृषि योग्य जमीन का दायरा गढ़वा : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत साल 2006 से अब तक भूमि समतलीकरण की ली गयी योजनाओं से जिले में करीब 1800 हेक्टेयर भूमि को कृषि योग्य बनाया जा चुका है़ इस पर खेती भी की जा रही है़ लेकिन […]
जिले में प्रत्येक साल बढ़ रहा है कृषि योग्य जमीन का दायरा
गढ़वा : महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत साल 2006 से अब तक भूमि समतलीकरण की ली गयी योजनाओं से जिले में करीब 1800 हेक्टेयर भूमि को कृषि योग्य बनाया जा चुका है़ इस पर खेती भी की जा रही है़ लेकिन कृषि विभाग इस खेती योग्य भूमि के प्रति उदासीन रवैया अपनाये हुए है़ं
विभाग के पास अभी भी खेती योग्य जमीन के पुराने आंकड़े हैं और उसी के आधार पर प्रत्येक साल आच्छादन लक्ष्य तय किया जाता है़ जबकि प्रत्येक साल यहां कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल बढ़ रहा है़ पुराने आंकड़े के हिसाब से ही सिंचाई, कृषि यंत्र, खाद आदि से संबंधित सुविधायें यहां मंगायी जा रही है़ इस वजह से नये कृषि योग्य भूमि के मालिकों को इससे वंचित रहना पड़ रहा है़ गढ़वा जिला गठन के बाद जब से यहां कृषि विभाग कार्य कर रहा है,
तब से धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तेलहन आदि से संबंधित भूमि के क्षेत्रफल में बहुत बदलाव नहीं किया गया है़ जबकि इस दौरान काफी लोगों ने स्वयं की लागत से तथा कई लोगों ने सरकारी राशि से भूमि को खेती-बारी के लायक बना दिया है़ पुराने आंकड़े के अनुसार ही इस बार भी यहां धान के बीज आदि मंगाये जा रहे है़ं विभाग की ओर से धान, मक्का व अन्य भदई फसलों के आच्छादन के जो लक्ष्य तय किये गये है़ं उनमें धान के 54 हजार हेक्टेयर, मक्का 27200 हेक्टेयर, तेलहर 5100 हेक्टेयर तथा दलहन 36700 हेक्टेयर में शामिल है़
आच्छादन लक्ष्य बढ़ाने के लिए विभाग को पत्र लिखा : कृषि पदाधिकारी : इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी रविश चंद्रा ने बताया कि समय-समय पर सफलों के आच्छादन का लक्ष्य बदला जाता है़ कृषि योग्य जमीन बढ़ने के बाद इस बार भी आच्छादन लक्ष्य बढ़ाने को लेकर विभाग को पत्र लिखा गया है़ लेकिन इस बार बढ़ा हुआ लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका है़