223 में से मात्र 85 छात्राएं ही पास हो सकी मैट्रिक की परीक्षा
विश्वनाथ सिंह परियोजना बालिका उच्च िवद्यालय भवनाथपुर का हाल शिक्षकों की कमी से छात्राओं की पढ़ाई पर व्यापक असर भवनाथपुर : भवनाथपुर केतार एवं खरौंधी प्रखंड में बालिका शिक्षा का अलख जगाने वाला इकलौता विश्वनाथ सिंह परियोजना बालिका उच्च विद्यालय भवनाथपुर शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहा है. लगभग 700 छात्राओं के पठन पाठन […]
विश्वनाथ सिंह परियोजना बालिका उच्च िवद्यालय भवनाथपुर का हाल
शिक्षकों की कमी से छात्राओं की पढ़ाई पर व्यापक असर
भवनाथपुर : भवनाथपुर केतार एवं खरौंधी प्रखंड में बालिका शिक्षा का अलख जगाने वाला इकलौता विश्वनाथ सिंह परियोजना बालिका उच्च विद्यालय भवनाथपुर शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहा है. लगभग 700 छात्राओं के पठन पाठन कार्य हेतु केवल दो शिक्षिकाएं ही कार्यरत हैं. ऐसी परिस्थिति में बोर्ड परीक्षा में बेहतर परीक्षा परिणाम की अपेक्षा करना बेमानी होगी.
इस वर्ष विद्यालय का मैट्रिक परीक्षा परिणाम एवं शैक्षणिक स्तर में हुई भारी गिरावट को देख शिक्षकों की कमी का असर आसानी से समझा जा सकता है. इस वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में शामिल 223 छात्राओं में से महज 85 ने ही सफलता पायी और 138 छात्राएं फेल हो गयीं. उल्लेखनीय है कि भवनाथपुर, केतार एवं खरौंधी प्रखंड के विभिन्न उच्च विद्यालयों में सह शिक्षा पर आधारित शिक्षण कार्य होता है किंतु उक्त विद्यालय में केवल बालिका को ही पढ़ाया जाता है.
इस बालिका विद्यालय में भवनाथपुर, चपरी, अरसली उतरी,अरसली दक्षणी, पंडरिया, कैलान पंचायत के गांव से लड़कियां पढ़ने आती हैं. उक्त विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापिका सरोज सिंह एवं कुसुम सिंह पिछले कई वर्षों से शिक्षण कार्य करती आ रही है. ज्ञातव्य हो कि उक्त बालिका विद्यालय की स्थापना भवनाथपुर बस्ती निवासी विश्वनाथ सिंह ने जमीन दान देकर सन 1984 में करायी थी.
किन्तु सरकार की नजर उक्त विद्यालय पर पांच साल बाद गयी, फिर भी आजतक विद्यालय में शिक्षकों की घोर कमी बनी हुई है. इस संबंध में प्रभारी प्रधानाध्यापिका सरोज सिंह ने बताया कि विभागीय पदाधिकारी से शिक्षकों की कमी दूर करने हेतु कई बार गुहार लगायी गयी है किंतु अभी तक शिक्षकों की कमी दूर नहीं की गयी.
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