ईश्वर को धन्यवाद देने का पर्व है नवाखानी
केरसई : ढ़िंगुरपानी पल्ली में नवाखानी पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर जुटे सैंकड़ो ख्रीस्तीय विश्वासियों ने अपनी उपज का पहला अनाज चर्च में अर्पित किया. सभी विश्वासी अपने घरों से टोकरी में अनाज भर कर चर्च पहुंचे. एक- दूसरे को चूड़ा प्रदान कर खुशी का इजहार करते हुए लोगों ने नवाखानी की […]
केरसई : ढ़िंगुरपानी पल्ली में नवाखानी पर्व धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर जुटे सैंकड़ो ख्रीस्तीय विश्वासियों ने अपनी उपज का पहला अनाज चर्च में अर्पित किया. सभी विश्वासी अपने घरों से टोकरी में अनाज भर कर चर्च पहुंचे. एक- दूसरे को चूड़ा प्रदान कर खुशी का इजहार करते हुए लोगों ने नवाखानी की बधाई एक-दूसरे को दी.
नवाखानी के मौके पर होने वाले विशेष प्रार्थना निवेदन का आयोजन पुरोहित द्वारा किया गया. इससे पहले युवतियों ने मिस्सा गीत प्रस्तुत किया. नवाखानी से जुड़े गीत पेश करते हुए पूर्वजों को धन्यवाद दिया गया. मिस्सा अनुष्ठान कराते हुए फादर फेलिक्स कुजूर, फादर आकेश खलखो ने कहा कि आज का दिन पूर्वजों को याद करने का दिन है, ईश्वर को याद करने का दिन है.
नवाखानी पर्व ईश्वर को धन्यावाद देने का दिन है. फादर कुजूर ने कहा कि अभाव के बीच पूर्वजों ने खेत तैयार किये होंगे. पुराने समय में न जाने कितनी कठिनाइयां हुई होगी खलीहान बनाने में. पूर्वजों द्वारा सिखायी गयी खेतीबारी से ही आज हमें नवाखानी पर्व का आयोजन का अवसर प्राप्त हुआ है. ईश्वर को अच्छी कामना के लिए धन्यवाद देने का दिन है.
बाघडेगा गांव से आये दल ने मिस्सा गीत की प्रस्तुति की. इस मौके पर मिस्सा अनुष्ठान में फादर फेलिक्स कुजूर का सहयोग फादर आकेल खलखो, रोशन भंवरा ने किया. कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रवीण बाघवार, सिस्टर दीप किरण, सिस्टर अमला, सिस्टर सिनसी, सिस्टर अगस्ता, प्रचारक पीटर बरला, भूषण बरला, अंथ्रेस कुल्लू सहित कई लोगों का सराहनीय योगदान रहा.