ईद- ए -मिलादुन्नबी पर जगह-जगह निकला जुलूस, हजरत मोहम्मद साहब के बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लिया
गढ़वा : इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन पर ईद- ए -मिलादुन्नबी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. शहर का जुलूस-ए- मोहम्मदी सुबह साढ़े आठ बजे निकाला गया, जिसमें काफी संख्या में धर्मावलंबी शामिल हुए. शहर के ऊंचरी स्थित कर्बला के मैदान में सलातो सलाम के नजराना पेश करने के बाद जुलूस संपन्न हो […]
गढ़वा : इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन पर ईद- ए -मिलादुन्नबी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया. शहर का जुलूस-ए- मोहम्मदी सुबह साढ़े आठ बजे निकाला गया, जिसमें काफी संख्या में धर्मावलंबी शामिल हुए.
शहर के ऊंचरी स्थित कर्बला के मैदान में सलातो सलाम के नजराना पेश करने के बाद जुलूस संपन्न हो गया. मदरसा तब्लीगुल इस्लाम, मदरसा रोड, सोनपुरवा, उंचरी, इंदिरा गांधी रोड, शरीफ मोहल्ला, कर्बला मोहल्ला, जोबरैया आदि मोहल्लों से निकाला गया जुलूस जुलूस मझिआंव मोड़ पर इकट्ठा हुआ.
इसके बाद सभी लोग मुख्य पथ होते हुए डॉ आर गुप्ता की दवा दुकान के पास पहुंचे. वहीं पठान टोली, साईं मोहल्ला, डफाली मोहल्ला द्वारा निकाले गये जुलूस में लोग शामिल हुए. इसके बाद सभी लोग रंका मोड़ पर पहुंचे.
हजरत मोहम्मद पैगंबर के रूप में धरती पर आये थे : कहा जाता है कि हजरत मोहम्मद साहब को अल्लाह ने पैगंबर के रूप में पृथ्वी पर भेजा था. क्योंकि उस समय अरब के लोगों के हालात बहुत खराब हो गये थे. लोगों में शराबखोरी, जुआखोरी, लूटमार, वेश्यावृत्ति और पिछड़ापन भयंकर रूप से फैला हुआ था. कई लोग नास्तिक थे.
ऐसे माहौल में मोहम्मद साहब ने अल्लाह का संदेश दिया. वे बचपन से ही अल्लाह की इबादत में लीन रहते थे. वे कई-कई दिनों तक मक्का की एक पहाड़ी पर, जिसे अबलुन नूर कहते हैं, इबादत किया करते थे. चालीस वर्ष की अवस्था में उन्हें अल्लाह की ओर से संदेश प्राप्त हुआ. अल्लाह ने फरमाया-‘ये सब संसार सूर्य, चांद, सितारे मैंने पैदा किये हैं.
मुझे हमेशा याद करो मैं केवल एक हूँ यह लोगों को समझाओ. हजरत मोहम्मद साहब ने ऐसा करने का अल्लाह को वचन दिया. हजरत मोहम्मद साहब ने खुदा के हुक्म से जिस धर्म को चलाया, वह इस्लाम कहलाता है.