रांची/गढ़वा : लोगों को ‘भोजन का अधिकार’ दिलाने के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज, विवेक और एक अन्य को गढ़वा जिला में गिरफ्तार करनेके बाद रिहा कर दिया गया. ये लोग अपने अभियान के तहत गढ़वा जिला के विशुनपुरा में राशन और पेंशन आदि विषयों पर लोगों को जागरूक करने के लिए एक सभा करने पहुंचे थे. कार्यक्रम शुरू होने से पहले ही स्थानीय थाना की पुलिस ने तीनों लोगों कोहिरासतमें ले लिया और उन्हें विशुनपुरा थाना ले गयी. कथित तौर पर ‘राइट टू फूड’ के तीन कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और उनके मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया. हालांकि, बाद में सभी को रिहा कर दिया गया.
सोशल मीडिया पर इसकी जमकर आलोचना हुई. जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि प्रख्यात अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता के साथ मिलकर कई किताबें लिखने वाले ज्यां द्रेज समेत तीन लोगों को झारखंड में गिरफ्तार कर लिया गया. ये लोग राइट टू फूड के संबंध में लोगों को जागरूक करने पहुंचे थे. प्रशांत भूषण में कहा कि गुड़गांव में मुस्लिम परिवार पर हमला करने वाले छुट्टा घूम रहे हैं और प्रधानमंत्री वर्ष 2012 के डीआरडीओ की उपलब्धियों पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं.
Renowned economist& Co-author of several books with Nobel Laureate Amartya Sen, Jean Dreze is arrested with 2 other activists in Jharkhand for organizing a meeting on Right to Food! This while goons who beat up Muslim family in Gurgaon roam free& PM tomtoms 2012 DRDO achievement! https://t.co/aCVMcQOUK9
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) March 28, 2019
वहीं, समाजशास्त्री योगेंद्र यादव ने कहा कि यह स्तब्ध करने वाला है. इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. श्री यादव ने कहा कि ज्यां द्रेज संत अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति, जिसमें नोबेल पुरस्कार पाने की क्षमता है, वह झुग्गियों में रहे और गरीबों की समस्याओं के बारे में लिखा. उन्होंने किसी अर्थशास्त्री से ज्यादा काम किया है. श्री यादव ने कहा कि ज्यां द्रेज एक अमनपसंद व्यक्ति हैं, जिन्होंने चमक-दमक की दुनिया छोड़कर भारत की नागरिकता ली. उनकी गिरफ्तारी से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता.
Shocking beyond words!
Jean Dreze is a saint-economist, a potential Nobel awardee who lived in slums, written and done more for the poor than any economist, shunned all power and glory, took up Indian citizenship, is a pacifist.
Nothing can be more shameful than arresting him. https://t.co/KagTeBhFV8
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) March 28, 2019
बाद में एसडीओ कमलेश्वर नारायण ने बताया कि डेहान ग्रुप के विवेक गुप्ता ने विशुनपुरा में राशन और पेंशन आदि विषयोंपर सभा करने की अनुमति मांगी थी. आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण आवेदन के आलोक में उन्होंने विशुनपुरा के सीओ और थाना प्रभारी से रिपोर्ट मांगीथी. दोनों के प्रतिवेदन में वक्ता का उल्लेख नहीं होने के कारण सभा की अनुमति नहीं दीगयी.
बिनाप्रशासनिक अनुमति के विशुनपुरा में डेहान ग्रुप की ओर सभा की जा रही थी. सभा में ज्यां द्रेज मुख्य वक्ता के तौर पर आये थे.चूंकि इन्हें सभा की अनुमति प्रशासन की ओर से नहीं दी गयी थी, सुरक्षा कारणों से पुलिस उन्हें विशुनपुरा थाना ले गयी. प्रक्रिया के बाद सभी को छोड़ दिया जायेगा. ज्ञात हो कि इसके पहले पुलिस इन तीनों लोगों से किसी को मिलने नहीं दे रही थी. पुलिस यह भी नहीं बता रहीथी कि ज्यां द्रेज और उनके साथियों को क्यों गिरफ्तार किया गया या हिरासत में लिया गया.
उधर, पलामू रेंज के डीआईजी ने कहा कि एसडीओ की अनुमति के बगैर कुछ लोग सामाजिक मुद्दों पर सभा करने के लिए एकत्र हुए थे. लोकसभा चुनावों के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने की वजह इन्हें हिरासत में लिया गया.