500 फीट गहरे जलस्रोत से पानी निकालते हैं ग्रामीण
श्रीबंशीधर नगर : आजादी के 72 वर्षों बाद भी श्रीबंशीधर नगर प्रखंड के गरबांध गांव के ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझ सकी है. आज भी वहां के ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. यों तो पेयजल की समस्याहमेशा बनी रहती है, लेकिन प्रत्येक वर्ष गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या बढ़ जाती है. […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
May 14, 2019 1:50 AM
श्रीबंशीधर नगर : आजादी के 72 वर्षों बाद भी श्रीबंशीधर नगर प्रखंड के गरबांध गांव के ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझ सकी है. आज भी वहां के ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. यों तो पेयजल की समस्याहमेशा बनी रहती है, लेकिन प्रत्येक वर्ष गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या बढ़ जाती है.
यद्यपि ग्रामीणों को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिये पंचायत स्तर पर काफी प्रयास किया गया है, लेकिन गर्मी के दिनों में यह प्रयास नाकाफी लगता है. ग्रामीणों के अनुसार यहां बिजली नहीं रहने पर पेयजलापूर्ति नहीं हो पाती है. जबकि धूप नहीं निकलने पर सोलर पैनल द्वारा भी ग्रामीणों को पानी नहीं मिल पाता है. इस स्थिति में ग्रामीण लगभग एक से दो किलोमीटर की दूरी तय कर 700 फीट गहरे बरवाखोह नाला से या चार-पांच किमी की दूरी तय कर 500 फीट गहरे प्राकृतिक जल स्त्रोत पुरान पानी से पीने का पानी लाते हैं.
खराब पड़े हैं अधिकांश चापाकल
ग्रामीणों को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए कई चापानल लगाये गये हैं,लेकिन अधिकांश चापानल खराब हैं. घाघरा नदी से भी पेयजल व स्वच्छता विभाग द्वारा पेयजल की आपूर्ति किया जाता है. लेकिन ग्रामीणों के अनुसार बिजली नहीं रहने की स्थिति में पेयजलापूर्ति बंद रहती है. पेयजलापूर्ति योजना से केवल चार टोलों में ही पेयजलापूर्ति की जाती है. शेष 10 टोले के ग्रामीण इससे वंचित रहते हैं.
आठ सोलर सिस्टम से पेयजल उपलब्ध कराने की व्यवस्था किया गया है ,लेकिन जब कभी धूप नहीं निकलता है, पेयजलापूर्ति नहीं हो पाती है. इस स्थिति में ग्रामीणों को पेयजल के लिए पांच किलोमीटर की दूरी तय कर पीने का पानी लाना पड़ता है. बिजली नहीं रहने व धूप नहीं निकलने पर ग्रामीणों के समक्ष पेयजल की काफी परेशानी हो जाती है. गांव में 37 डीपबोर भी कराये गये हैं. पेयजलापूर्ति योजना से खरवार टोला, पासवान टोला, यादव टोला व चंद्रवंशी टोला के ग्रामीणों को ही पानी मिलता है.
जबकि शेष 10 टोला के ग्रामीणों को इस पेयजलापूर्ति का लाभ नहीं मिलता है. पेयजल संकट गहराने पर प्रत्येक वर्ष टैंकर से पेयजल की आपूर्ति की जाती थी, लेकिन इस वर्ष अभी तक टैंकर से पेयजलापूर्ति प्रारंभ नहीं किया गया है. पुराना पंचायत भवन के निकट, खेलावन साव के खेत में एवं गोविंद पासवान के घर के पास वाला चापाकल सहित कई अन्य स्थानों पर लगे चापानल खराब पड़े हैं.