2014 में यहां फिर से खिला था कमल, सबसे अधिक रंका गढ़ का कब्जा रहा है इस सीट पर, जानें इस विस क्षेत्र का लेखा-जोखा

विनोद पाठक कुल वोटर 362311 पुरुष वोटर 192092 महिला वोटर 170219 गढ़वा : गढ़वा सीट 1957 में अस्तित्व में आयी थी. 1951 के चुनाव में यह हुसैनाबाद से जुड़ी हुई थी. 1951 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस से देवचंद राम पासी विजयी हुए थे.1957 में जब गढ़वा-रंका सीट के लिए चुनाव हुआ तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2019 7:54 AM

विनोद पाठक

कुल वोटर

362311

पुरुष वोटर

192092

महिला वोटर

170219

गढ़वा : गढ़वा सीट 1957 में अस्तित्व में आयी थी. 1951 के चुनाव में यह हुसैनाबाद से जुड़ी हुई थी. 1951 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस से देवचंद राम पासी विजयी हुए थे.1957 में जब गढ़वा-रंका सीट के लिए चुनाव हुआ तो कांग्रेस की राजेश्वरी सरोज दास जीती थीं.

1962 में स्वतंत्र पार्टी के गोपीनाथ सिंह ने कांग्रेस से यह सीट छीन ली. लेकिन 1967 के चुनाव में कांग्रेस के लक्ष्मी प्रसाद िवजयी हुए थे. 1969 में जब मध्यावधि चुनाव हुआ, तब तक गोपीनाथ सिंह भारतीय जनसंघ से जुड़ चुके थे. उन्होंने चुनाव में कांग्रेस से यह सीट छीन ली.1972 में यह सीट पुन: कांग्रेस के पास चली गयी. तब अवध किशोर तिवारी जीते थे.

1977 के चुनाव में जनता पार्टी के विनोद नारायण दीक्षित जीते. 1980 में कांग्रेस के युगल किशोर पांडेय जीते. लेकिन 1980 के बाद कांग्रेस यह सीट कभी नहीं जीत सकी. 1985 व 1990 में गोपीनाथ सिंह भाजपा से जीते. निधन के पूर्व (1993) वे राजद में शामिल हो गये थे. 1993 में यहां मध्यावधि चुनाव हुआ. उसमें उनके पुत्र गिरिनाथ सिंह विजयी हुए और लगातार 1995, 2000 और 2005 में राजद के विधायक रहे.

क्षेत्र में कई काम हुए : सत्येंद्रनाथ तिवारी

वर्तमान विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी ने कहा कि पिछले पांच साल में गढ़वा में कई कार्य हुए हैं. सभी घरों में बिजली पहुंचाने की बात हो या सड़क, पुल-पुलिया बनाने की बात हो. गढ़वा शहर के लिए बाइपास की स्वीकृति करायी गयी. किसानों को आर्थिक सहयोग मिला. नौजवानों को दक्ष कर उन्हें रोजगार से जोड़ा गया. सबको मान-सम्मान देने का काम किया गया.

तीन महत्वपूर्ण कार्य जाे हुए

1. कई सड़क, पुल-पुलिया बने

2. गढ़वा बाइपास का रास्ता निकाला गया

3. सोन और कोयल से सिंचाई हेतु डीपीआर बना

तीन महत्वपूर्ण कार्य जो नहीं हो सके

2. जाम से मुक्ति का प्रयास नहीं हुआ

3. शिक्षा में कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं

पिछले तीन चुनाव का रिकाॅर्ड

2005

जीते : गिरिनाथ सिंह, राजद

प्राप्त मत : 34374

हारे : सिराज अहमद अंसारी, जदयू

प्राप्त मत : 25841

तीसरा स्थान : अनिल साव, झामुमो

प्राप्त मत : 18225

2009

जीते :सत्येंद्र तिवारी, झाविमो

प्राप्त मत : 50474

हारे : गिरिनाथ सिंह, राजद

प्राप्त मत : 40412

तीसरा स्थान : मिथिलेश ठाकुर, झामुमो

प्राप्त मत : 14810

2014

जीते : सत्येंद्र नाथ तिवारी, भाजपा

प्राप्त मत : 75196

हारे : गिरिनाथ सिंह, राजद

प्राप्त मत :53441

तीसरा स्थान : मिथिलेश ठाकुर, झामुमो

प्राप्त मत : 47452

मूलभूत समस्याएं रह गयी हैं : गिरिनाथ

पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे गिरिनाथ सिंह ने कहा कि गढ़वा जिले में अभी कई मूलभूत समस्याएं कायम हैं. शिक्षा, पेयजल, सिंचाई सहित गरीबों-नौजवानों के लिए अलग से योजना बनाने की जरूरत है. पलायन इस जिले की सबसे बड़ी समस्या है. साथ ही सभी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टचार पर लगाम लगाकर ही उसका लाभ आम जनता को दिया जा सकता है.

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