जिले के 13 लाख की आबादी को चाहिए 5.20 करोड़ लीटर पानी

करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से बने इस चेकडैम को ग्रामीणों ने चुपके से क्षतिग्रस्त कर गिरा दिया़ ग्रामीणों का आरोप था कि चेकडैम में सरस्वतिया व दानरो नदी में गिरनेवाले शहर के नाले का गंदा पानी बहकर यहां जमा हो रहा था़ जिससे उनके चापाकल, कुआं आदि का पानी भी दूषित होकर बदबूदार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2019 1:09 AM

करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से बने इस चेकडैम को ग्रामीणों ने चुपके से क्षतिग्रस्त कर गिरा दिया़

ग्रामीणों का आरोप था कि चेकडैम में सरस्वतिया व दानरो नदी में गिरनेवाले शहर के नाले का गंदा पानी बहकर यहां जमा हो रहा था़
जिससे उनके चापाकल, कुआं आदि का पानी भी दूषित होकर बदबूदार हो गया था़ इससे कई प्रकार की बीमारियां उन्हें होने लगी थी़
गढ़वा : पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मानक के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को दैनिक आवश्यकताओं के लिए औसतन 40 लीटर पानी की आवश्यकता है. इस हिसाब से गढ़वा जिले के 13 लाख ( साल 2011 के सेंसेक्स के अनुसार )की आबादी को प्रतिदिन 5.20 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता है. लेकिन है. लेकिन जिले के लोगों को चापाकल, जलापूर्ति योजना आदि के माध्यम से पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं कराया जा पा रहा है़ शुद्ध पेयजल उपलब्ध करना गढ़वा जिलावासियों के लिए एक बड़ी समस्या रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा गढ़वा शहर में कई ऐसे मुहल्ले हैं, जहां सालोंभर पानी के लिए किचकिच होती है़ मुख्य रूप से पुरानी बाजार, टंडवा, नगवां मुहल्ला, संघत मुहल्ला के लोगों को पानी की समस्या से प्रतिदिन दो-चार होना पड़ता है़ गर्मी के दिनों में इन मुहल्लों की स्थिति काफी विकराल हो जाती है़ शहर में जलस्तर बढ़ाने के लिए सोनपुरवा दुग्ध शीतक केंद्र के पास दानरो नदी में चेकडैम भी बनाया गया था.
लेकिन चेकडैम निर्माण का स्थल गलत चुने जाने के कारण इससे लोगों को लाभ के स्थान पर हानि होने लगी.
इस वजह से करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से बने इस चेकडैम को ग्रामीणों ने चुपके से क्षतिग्रस्त कर गिरा दिया़ ग्रामीणों का आरोप था कि दानरो नदी व सरस्वतिया नदी के संगम स्थल पर शहर के नीचे इस चेकडैम का निर्माण कराया गया था़ चेकडैम में सरस्वतिया व दानरो नदी में गिरनेवाले शहर के नाले का गंदा पानी बहकर यहां जमा हो रहा था़ इस वजह से उनके चापाकल, कुआं आदि का पानी भी दूषित होकर बदबूदार हो गया था.
इससे कई प्रकार की बीमारियां उन्हें होने लगी थी़ नतीजतन यह उनके लिए लाभ के स्थान पर हानि होने लगी थी़ यदि इस चेकडैम को शहर के उपर बनाया जाता, तो वहां साफ पानी जमा रहता.

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