हेडिग़….12 गांवों को खतरा
फ्लैग़..कोयल की बाढ़ से हर वर्ष हो रहा है सैकड़ों एकड़ भूमि का कटावकोयल व सोन नदी के तट पर अवस्थित हैं कई गांवदशकों से ग्रामीण कर रहे हैं तटबंध निर्माण की मांग5जीडब्ल्यूपीएच9- इस तरह कोयल से हो रहा है भूमि का कटावप्रतिनिधि, कांडी(गढ़वा). कोयल नदी के तट पर स्थित कांडी प्रखंड के दर्जनों गांव […]
फ्लैग़..कोयल की बाढ़ से हर वर्ष हो रहा है सैकड़ों एकड़ भूमि का कटावकोयल व सोन नदी के तट पर अवस्थित हैं कई गांवदशकों से ग्रामीण कर रहे हैं तटबंध निर्माण की मांग5जीडब्ल्यूपीएच9- इस तरह कोयल से हो रहा है भूमि का कटावप्रतिनिधि, कांडी(गढ़वा). कोयल नदी के तट पर स्थित कांडी प्रखंड के दर्जनों गांव नदी के तेज धार में समाने की स्थिति में हो चुके हैं. प्रखंड के सुंडीपुर, गाड़ा, कसनप, खरौंधा, जयनगरा, सनपुरा सहित एक दर्जन से ऊपर गांव की सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि को कोयल अपने आगोश में ले चुकी है. हर वर्ष भूमि का कटाव तेजी से बढ़ता जा रहा है. यदि कोयल नदी में बाढ़ आयी अथवा सोन में पानी बढ़ा, दोनों स्थिति में इस गांव को खतरे का सामना करना पड़ता है. यदि यही स्थिति बनी रही, तो आनेवाले कुछ वषोंर् में इन गांवों का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा. कोयल तट से महज 50 मीटर दूर स्थित सुंडीपुर गांव सबसे अधिक प्रभावित है. यह गांव कोयल एवं सोन दो नदी के संगम पर अवस्थित है. अबतक इस गांव को कई बार बाढ़ का सामना करना पड़ा है. नहीं बना तटबंधइलाके के लोग हर वर्ष बरसात के मौसम में प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से गांव को बचाने के लिए तटबंध की मांग करते रहे हैं. कई नेताओं ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में तटबंध बनवाने का वादा किया. वे इस वादा पर स्थानीय ग्रामीणों के वोट पर विधायक एवं मंत्री तक बने, लेकिन तटबंध बनवाने की बात तो दूर, इसकी चर्चा तक उन्होंने नहीं की. इसके कारण इलाके के लोगों में प्रशासन व जनप्रतिनिधियों के प्रति काफी नाराजगी है. गाड़ा पंचायत के मुखिया श्रीकांत पांडेय एवं बीडीसी नवनीत मेहता ने बताया कि यदि शीघ्र तटबंध नहीं बना, तो इन गांवों के लोग बार-बार नुकसान उठाते रहेंगे तथा एक दिन गांव का सबकुछ नदी में समा जायेगा. ग्रामीण मनोज सिंह, कामेश्वर साव, संतोष मेहता, सत्यनारायण ठाकुर, कृष्णा राम, बनारसी राम, रामधार साह आदि ने इस वर्ष बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से पहले ही जिला प्रशासन से सुरक्षा की व्यवस्था करने की मांग की है.