वाहनों की बढ़ी भीड़, खतरे में हैं गढ़वा के पुल

गढ़वा : छह दिन पूर्व शनिवार को बिहार के कर्मनाशा नदी पर बने पुल के टूटने के बाद गढ़वा जिले से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 75 पर मालवाहक वाहनों की भीड़ काफी बढ़ गयी है. वाहनों के अचानक बढ़ जाने से गढ़वा जिले में यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. इससे गढ़वा शहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 4, 2020 12:22 AM

गढ़वा : छह दिन पूर्व शनिवार को बिहार के कर्मनाशा नदी पर बने पुल के टूटने के बाद गढ़वा जिले से होकर गुजरने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 75 पर मालवाहक वाहनों की भीड़ काफी बढ़ गयी है.

वाहनों के अचानक बढ़ जाने से गढ़वा जिले में यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. इससे गढ़वा शहर के बीच से गुजरी एनएच- 75 पर मझिआंव मोड़ के समीप सरस्वती नदी पर बने पुराने पुल पर संकट का बादल गहरा गया है. उल्लेखनीय है कि इस पुल को दो वर्ष पहले ही खतरनाक घोषित किया जा चुका है.
पहले भी इस पुल पर बड़े मालवाहक वाहनों का प्रवेश निषेध किया गया था. लेकिन अचानक वाहनों की बढ़ी भीड़ के कारण फिर से इसको चालू कर दिया गया है. पुल पुराना व जर्जर हो चुका है और किसी दिन यहां बड़ी दुर्घटनाओं की संभावना है. इसके अलावा शहर से होकर टंडवा में दानरो नदी पर बना पुल भी काफी पुराना व जर्जर है. इसपर भी काफी लोड बढ़ गया है.
यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग 343 को जोड़ता है. जिस तरह से बीते छह दिनों में इस जिले से होकर वाहनों का काफिला गुजर रहा है, उससे यह भय सताने लगा है कि कहीं दोनों पुलों पर भी असर न पड़ जाये. अगर ये दोनों पुल ध्वस्त हो गये, तो यूपी, बिहार, झारखंड एवं छत्तीसगढ़ का संपर्क पूरी तरह से कट जायेगा.
इसके अलावा एनएच 75 पर रेहला के पास कोयल नदी पर बने पुल पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इस पुल से भी प्रतिदिन काफी संख्या में मालवाहक वाहन गुजर रहे हैं. उक्त पुल भी काफी पुराना है. इसके अलावा गढ़वा से यूपी को जोड़नेवाले राष्ट्रीय राजमार्ग 75 पर कई छोटे-छोटे पुल-पुलिया हैं. हजारों की संख्या में वाहनों के गुजरने से इस पुलों की भी स्थिति बिगड़ रही है.

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