कोहरा व ओस से फसलों को बचाना हुआ मुश्किल
प्लास्टिक से ढंककर धान बचाने का हो रहा है प्रयास धुरकी : बेमौसम बारिश ने प्रखंड के किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. वहीं लगातार 10 दिनों से आसमान से कोहरे व ओस गिरने से किसानों की चिंता और बढ़ गयी है. किसानों के खेतों में लगे अरहर, चना व सरसों के फूल […]
प्लास्टिक से ढंककर धान बचाने का हो रहा है प्रयास
धुरकी : बेमौसम बारिश ने प्रखंड के किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. वहीं लगातार 10 दिनों से आसमान से कोहरे व ओस गिरने से किसानों की चिंता और बढ़ गयी है. किसानों के खेतों में लगे अरहर, चना व सरसों के फूल सूखने लगे हैं. साथ ही सब्जियों पर भी इसका असर देखा जा रहा है.
टमाटर, बैगन, गोभी और सेमी जैसी सब्जी के फूल ओस गिरने के कारण सूखने लगे हैं. इस कारण प्रखंड के किसानों को प्रकृति की दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. इस संबंध में टाटीदीरी के किसान अखिलेश राम ने बताया कि धान की फसल को तो जैसे-तैसे बचाने का प्रयास किया जा रहा है.
लेकिन धान का रखा बोझा पानी में सड़ने लगा है. मौसम अनुकूल नहीं रहने के कारण उसकी दौनी नहीं हो पा रही है. वही मिरचइया के सुरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि उसने इस बार सरसों और अरहर की खेती किया है. लेकिन लगातार कुहासा और ओस के गिरने के कारण दोनों के फूल मुरझाने लगे हैं.
वहीं धुरकी प्रखंड के किसान संघ के अध्यक्ष दामोदर जायसवाल ने बताया कि उनका धान का फसल काटकर खलिहान में रखा हुआ है. उसे प्लास्टिक से तोपकर 15 दिनों से रखे हैं. मौसम साफ नहीं होने के कारण रखे-रखे धान खराब हो गया है. वहीं आनंद गिरि का कहना है कि वे लोग किसी तरह से बचा हुआ फसल को बचाने में लगे हुए हैं. लेकिन इस बार सबसे अधिक परेशानी पशु मालिक को होने वाला है. क्योंकि कुछ तो धान का फसल खेत में बर्बाद हो गया, वहीं बचा-खुचा खलिहान में खराब हो रहा है.
इससे वह मवेशी के खाने लायक पुआल भी नहीं रह जायेगा. इस परिस्थिति में पशु मालिकों को मवेशियों के चारा के लिये परेशानी उठानी पड़ेगी. किसानों का कहना है कि अगर मौसम एक-दो दिनों में साफ नहीं हुआ, तो उनकी चिंता और बढ़ जायेगी.