गढ़वा में झामुमो को जीत दिलाकर मंत्री बने मिथिलेश, 1990 से शुरू किया राजनीतिक सफर
चाईबासा/गढ़वा : हेमंत सरकार में मंत्री बने मिथिलेश कुमार ठाकुर ने अपना राजनीतिक सफर 1990 के दशक में संयुक्त बिहार में राजद से शुरू की थी. राजद में शामिल होने के बाद उन्हें पश्चिमी सिंहभूम का जिलाध्यक्ष बनाया गया था. वे करीब 10 वर्षों तक राजद में रहे. 2000 में उन्होंने झामुमो की सदस्यता हासिल […]
चाईबासा/गढ़वा : हेमंत सरकार में मंत्री बने मिथिलेश कुमार ठाकुर ने अपना राजनीतिक सफर 1990 के दशक में संयुक्त बिहार में राजद से शुरू की थी. राजद में शामिल होने के बाद उन्हें पश्चिमी सिंहभूम का जिलाध्यक्ष बनाया गया था. वे करीब 10 वर्षों तक राजद में रहे. 2000 में उन्होंने झामुमो की सदस्यता हासिल की और पिछले 20 वर्ष से झामुमो के प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर के पदों पर सक्रिय रहे. वे पिछले चार वर्षों से झामुमो के केंद्रीय महासचिव हैं.
1966 में चतरा में जन्मे मिथिलेश कुमार ठाकुर ने स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की है. प्रारंभिक पढ़ाई के दौरान ही उनके वन विभाग में रेंजर के पद पर कार्यरत पिता व स्वतंत्रता सेनानी कौशल किशोर ठाकुर का स्थानांतरण गढ़वा हो गया. इसके बाद उनका पूरा परिवार गढ़वा आ गया और मिथिलेश ठाकुर की स्कूली शिक्षा यहीं पर पूरी हुई. गढ़वा से ही मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1981 में उनके पिता का स्थानांतरण चाईबासा हो गया.
वहीं, 1986 में रेंज ऑफिसर के पद से ही अवकाश ग्रहण कर लिया. इसके बाद वे यहीं बस गये. लिहाजा मिथिलेश कुमार ठाकुर ने इंटर की पढ़ाई टाटा कॉलेज से पूरी की. इसके बाद उन्होंने हजारीबाग संत कोलंबस कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. वे अपनी पूरी पढ़ाई के क्रम में मेधावी छात्र रहे.
तीन बार जीत चुके हैं नप चुनाव : मिथिलेश ठाकुर चाईबासा के भी लोकप्रिय नेता माने जाते हैं. वे वर्ष 2008 व वर्ष 2013 में हुए चाईबासा नगर परिषद चुनाव जीतकर नप के उपाध्यक्ष बने. वर्ष 2018 में हुए नप चुनाव में उन्होंने अध्यक्ष पद पर भाग्य आजमाया व चुनाव जीत गये. वहीं, विधानसभा चुनाव में उन्होंने गढ़वा से भाग्य आजमाया और चुनाव जीत गये. छह जनवरी 2020 को उन्होंने विधायक पद की शपथ लेने से पूर्व नप अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
जरूरतमंदों में बांटते रहे हैं मानदेय की राशि : चाईबासा में मिथिलेश कुमार ठाकुर छवि ईमानदार व सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में रही है. वे सामाजिक कार्यों में भी भाग लेते रहे हैं. यही वजह है कि नप चुनाव जीतकर उपाध्यक्ष व अध्यक्ष पद की कुर्सी संभानलने के बाद उन्होंने कभी सरकार से मिलने वाली मानदेय राशि नहीं ली. इस राशि को वे गरीबों व जरूरतमंदों के बीच बांट दिया करते थे.
मां काली के हैं अनन्य भक्त : मिथिलेश ठाकुर धार्मिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और मां काली के अनन्य भक्त हैं. वे वर्ष 1990 से अमलाटोला काली पूजा समिति से जुड़े और तब से यहां पूजा करवा रहे हैं. झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन व मुख्मंत्री हेमंत सोरेन तक इस काली पूजा पंडाल के उद्घाटन समारोह में आ चुके हैं.
पारिवारिक पृष्टभूमि
नाम : मिथिलेश कुमार ठाकुर
पिता : स्व कौशल कुमार ठाकुर
भाई : चार
बहन : चार
संतान : दो बेटी
जन्मस्थल : चतरा
जन्मतिथि : 1966
पढ़ाई : ग्रेजुएशन
जनता का भरोसा नहीं टूटेगा : मिथिलेश ठाकुर
मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि गढ़वा विधानसभा क्षेत्र की जनता का विश्वास और भरोसा वह कभी नहीं टूटने देंगे. क्षेत्र की जनता ने जिस विश्वास व भरोसे के साथ उन्हें विधानसभा में भेजा है, उस पर वे हरसंभव खरा उतरने का काम करेंगे. विकास के क्षेत्र में काफी पिछड़े गढ़वा में वे विकास को गति देंगे और सभी को साथ लेकर चलेंगे.
उन्होंने कहा कि एक मंत्री के रूप में वह केवल गढ़वा नहीं बल्कि पूरे राज्य के मंत्री है श्री ठाकुर ने कहा कि टीम झारखंड के कैप्टन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हैं. हम टीम के खिलाड़ी हैं. कैप्टन के आदेशानुसार ही काम होगा. शिबू सोरेन ने जिस झारखंड के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी पूरी जवानी खपा दी. उसी झारखंड के सपनों को पूरा करने का काम करेंगे. विकास की किरण अंतिम व्यक्ति तक पहुंचेगी.