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बरसात में भी पानी की तलाश
खरौंधी (गढवा) : बरसात के महीने में भी प्रखंड के सरहिया गांव के भुइयां टोली में पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए एक किलोमीटर दूर जाना पड रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि सरहिया गांव में 12 सरकारी चापानल लगाये गये हैं. इसमें […]
खरौंधी (गढवा) : बरसात के महीने में भी प्रखंड के सरहिया गांव के भुइयां टोली में पीने के पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए एक किलोमीटर दूर जाना पड रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि सरहिया गांव में 12 सरकारी चापानल लगाये गये हैं. इसमें से 10 चापानल खराब है.
जल सहिया द्वारा दो चापाकल की मरम्मत पांच हजार रुपये की लागत से करायी गयी थी. लेकिन वह खराब हो गया. अब मरम्मत करने के लिये पैसे भी नहीं हैं. पानी संकट ङोल रही सुषमा देवी, रीमा देवी, नीतनी देवी, सबिता देवी, अनिता देवी, चंदा देवी, कु सुम, फूल कुमारी, रंभा कुमारी आदि ने बताया कि सरकार द्वारा किये जा रहे डीपबोर एवं चापानल आदि को कुछ लोग निजी स्वार्थ के लिए उपयोग कर रहे हैं.
इसके कारण उन्हें दिनभर मजदूरी करने के बाद शाम को पुन: पानी के लिये भटकना पडता है. उन्होंने उपायुक्त से भुइयां टोली में तत्काल चापाकल गाड ने की मांग की. इस संबंध में मुखिया इगलावती देवी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चापानल मरम्मत के लिए जितनी राशि थी, खर्च हो चुकी है. फिर भी वे अपने स्तर से चापाकल बनवा रही हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि भुइयां टोली का चापाकल मरम्मत करायी जायेगी.
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