बेबसी…कमरे में खाट पर वर्षों से कराहते- सिसकते गुजर रहे थे दिन
22जीडब्ल्यूपीएच8-सरयू को स्ट्रैचर पर लिटाकर ऐंबुलेंस में चढ़ाते विजय केसरीहेडलाइन…अंधेरे में घिरी जिंदगी को मिला उजाला10 वर्ष से कमरे में पड़ा था गरीब और लाचार कुष्ठ रोगी सरयू भुइयां. समाजसेवी विजय केसरी ने दीपावली के दिन उसे अस्पताल पहुंचाया. इलाज की व्यवस्था करायी. गढ़वा. इलाज के अभाव में 10 वर्ष से कमरे में कैद सा […]
22जीडब्ल्यूपीएच8-सरयू को स्ट्रैचर पर लिटाकर ऐंबुलेंस में चढ़ाते विजय केसरीहेडलाइन…अंधेरे में घिरी जिंदगी को मिला उजाला10 वर्ष से कमरे में पड़ा था गरीब और लाचार कुष्ठ रोगी सरयू भुइयां. समाजसेवी विजय केसरी ने दीपावली के दिन उसे अस्पताल पहुंचाया. इलाज की व्यवस्था करायी. गढ़वा. इलाज के अभाव में 10 वर्ष से कमरे में कैद सा था सरयू भुइयां. अंधेरा छा चुका था उसकी जिंदगी में. दीपावली के दिन उसे उजाला मिला. जिले के डंडई प्रखंड केे टोरी कला गांव निवासी सरयू भुइयां को कुष्ठ रोग है. गरीबी के कारण वह अपना इलाज कराने में असमर्थ था. हालत यह हो गयी कि कुष्ठ की वजह से वह चलने-फिरने में असमर्थ हो गया. वह काफी समय से खाट पर पड़ा हुआ था. इसकी जानकारी मिलने के बाद जायंट्स इंटरनेशनल कमेटी के सदस्य सह समाजसेवी विजय कुमार केसरी दीपावली के दिन एंेबुलेंस के साथ गुरुवार को उसके घर पहुंचे और उसे गढ़वा सदर अस्पताल पहुंचाया. ग्रामीणों ने बताया कि सरयू भुइयां खेती-मजदूरी कर परिवार का जीविकोपार्जन करता था. फिर वह लकवा का शिकार हुआ. बाद में वह कुष्ठ की चपेट में आ गया. उसके चार पुत्र व पत्नी है. घर में रोटी के लाले हैं. गरीबी के कारण सरयू का इलाज नहीं हो पाया. वह खाट पर पड़े-पड़े कराहता रहता था. वह पैर व हाथ दोनों से लाचार हो चुका है. उसके नाती उसे प्रतिदिन मुंह में खाना खिलाते हैं. विजय कुमार केसरी ने लायंस अ२ॉसम का ऐंबुलेंस लेकर समाजसेवी कंचन साहू के साथ उसके घर गये और उसे 17 किमी दूर सदर अस्पताल पहुंचाया. यहां चिकित्सक ने उसका समुचित इलाज प्रारंभ कर दिया है. अस्पताल पहुंचने के बाद सरयू भुइयां को दीपावली की मिठाई एवं कपड़े उपलब्ध कराये गये.२