नहीं बन पा रहे हैं नि:शक्तों के लिए रैंप
गढ़वा : सर्वशिक्षा अभियान के तत्वावधान में नि:शक्त बच्चों के लिए प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में बननेवाले रैंप के कार्य में शिथिलता को लेकर विभाग परेशान है. लगभग एक करोड़ की राशि खर्च कर 700 से अधिक विद्यालयों में रैंप का निर्माण कराया जाना है. इसके लिए पिछले तीन वर्ष में लगभग एक करोड़ रुपये […]
गढ़वा : सर्वशिक्षा अभियान के तत्वावधान में नि:शक्त बच्चों के लिए प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में बननेवाले रैंप के कार्य में शिथिलता को लेकर विभाग परेशान है. लगभग एक करोड़ की राशि खर्च कर 700 से अधिक विद्यालयों में रैंप का निर्माण कराया जाना है.
इसके लिए पिछले तीन वर्ष में लगभग एक करोड़ रुपये संबंधित विद्यालयों को दिया जा चुका है. एक रैंप निर्माण का लागत खर्च आठ हजार से लेकर 12 हजार रुपये तक है.
वर्ष 2008-09, 2009-10 एवं 2011-12 में इसे बनाने हेतु राशि व लक्ष्य दिये गये थे. किसी भी विद्यालय में रैंप निर्माण बनने की आधिकारिक जानकारी जिला कार्यालय को नहीं है. यद्यपि विभाग के सहायक अभियंता विनय कुमार का दावा है कि लगभग 150 रैंप का निर्माण हो चुका है. परंतु उनके पास इसके आधिकारिक प्रतिवेदन विद्यालय से प्राप्त नहीं हुए हैं.
उन्होंने इसके निर्माण की शिथिलता पर कहा कि कनीय अभियंता पेट्रोल खर्च नहीं दिये जाने के कारण इसके निर्माण में रूचि नहीं लेने की बात करते हैं. साथ ही प्रखंड स्तर पर बीइइओ भी रूचि नहीं लेते हैं. यद्यपि जो भी कुछ संख्या में रैंप निर्माण बनने की बात कही जाती है, वह भी पूरी तरह से उपयोगी साबित नहीं हो रहा है.
क्योंकि इसका निर्माण यदि हुआ भी है तो प्राक्कलन के अनुरूप में उसमें काफी कमी दिखती है. विदित हो कि विद्यालय में नि:शक्त बच्चों को उनकी कक्षा में जाने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से एक अनुपात दस के औसत से रैंप एवं हैंड्रेफ का निर्माण किया जाना है.
इसके सहारे ट्रायसाइकिल के माध्यम से नि:शक्त बच्चे सुविधानुसार अपनी कक्षा में जा सकें. इसी तरह 60 हजार की लागत से नि:शक्त बच्चों के लिए बननेवाले विशेष शौचालय के निर्माण की गति भी धीमी है. इस संबंध में सहायक अभियंता ने बताया कि इसका निर्माण कार्य चल रहा है.
– देवदत्त चौबे –