न आशियाना है, न जीने का सहारा

सगमा (गढ़वा) : योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यह सरकार का मकसद है. सगमा प्रखंड में योजनाओं को कार्यरूप देने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के साथ प्रखंड के पदाधिकारियों की बैठक होती है. संबंधित लोगों को गरीब व असहायों के बीच लाभ देने की नसीहत दी जाती है. इससे इतर इस नसीहत का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2014 9:10 AM
सगमा (गढ़वा) : योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, यह सरकार का मकसद है. सगमा प्रखंड में योजनाओं को कार्यरूप देने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों के साथ प्रखंड के पदाधिकारियों की बैठक होती है. संबंधित लोगों को गरीब व असहायों के बीच लाभ देने की नसीहत दी जाती है.
इससे इतर इस नसीहत का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पाता है. इसका उदाहरण सगमा प्रखंड की सोनडीहा पंचायत के पुतुर गांव में देखने को मिला.
यहां 90 वर्षीय एक वृद्ध को अब तक न तो वृद्धापेंशन का लाभ मिला और न ही इंदिरा आवास जैसी योजनाओं का. जब शनिवार को वयोवृद्ध फूलचंद्र प्रजापति (90 वर्ष) ने वृद्धापेंशन की मांग को लेकर बीडीओ देवदत्त पाठक से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनायी, तो बीडीओ हैरान रह गये. बीडीओ श्री पाठक ने उनको आश्वासन दिया है कि उन्हें सरकार की तरफ से मिलनेवाली सुविधाएं दिलायी जायेगी. श्री पाठक ने कहा है कि आखिर किस कारण अब तक फूलचंद्र प्रजापति को लाभ नहीं मिल पाया. यह जांच का विषय है. लेकिन वे इस दिशा में सार्थक कार्रवाई करेंगे.
फूलचंद्र प्रजापति ने बताया कि उनकी शादी के कु छ दिन बाद ही उनकी पत्नी छोड़ कर चली गयी थी. उसके न तो पुत्र हैं और न ही पुत्री. वह अपने जीवन का गुजारा यहां-वहां किसी तरह करते हंै. वर्तमान समय में वह अपने रिश्तेदार के यहां रहते हैं. वहां उन्हें दो वक्त की रोटी नसीब होती है. उन्होंने बताया कि उनके पास न तो घर है और न ही कोई सहारा.
उन्होंने कहा कि अब तो उनके सामने जिंदगी के चंद दिन बचे हैं. यदि अब उन्हें सरकार की योजनाओं का फायदा मिल भी गया, तो उसका लाभ वह औरों की तरह नहीं उठा पायेंगे. इतना कहने के बाद वह बिलखने लगते है. सोनडीहा पंचायत की मुखिया मानमती देवी ने कहा कि उन्होंने फूलचंद्र प्रजापति का आवेदन प्रखंड कार्यालय में जमा कराया है. लेकिन काफी विलंब हो गया है. उन्होंने कहा कि इसकी जानकारी उन्होंने पंचायत सेवक को भी दी है.

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