5…भवनाथपुर में नहीं खिल सका कमल
गढ़वा. भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र भी समाजवादियों के प्रभाववाले क्षेत्र की गिनती में आता है. यद्यपि आरंभ में इस सीट पर कांग्रेस की पकड़ थी. लेकिन फिर लगातार यह समाजवादियों के प्रभाव में आ गया. इसके कारण इस सीट पर एक बार भी भाजपा जीत दर्ज करने में सफल नहीं हुई है. इस बार कांग्रेस के […]
गढ़वा. भवनाथपुर विधानसभा क्षेत्र भी समाजवादियों के प्रभाववाले क्षेत्र की गिनती में आता है. यद्यपि आरंभ में इस सीट पर कांग्रेस की पकड़ थी. लेकिन फिर लगातार यह समाजवादियों के प्रभाव में आ गया. इसके कारण इस सीट पर एक बार भी भाजपा जीत दर्ज करने में सफल नहीं हुई है. इस बार कांग्रेस के विधायक अनंत प्रताप देव को ऐन चुनाव के समय भाजपा में शामिल होकर भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने से भाजपा को इस सीट पर पहली बार जीत दर्ज करने की काफी उम्मीद थी. श्री देव ने अपने विरोधियों से काफी संघर्ष करने के बावजूद भाजपा को सम्मानजनक मत दिलाते हुए पहली बार यहां उप विजेता का सम्मान दिलाया. आरंभ में आशा बंधी थी कि यहां कमल खिल जायेगा. लेकिन नौजवान संघर्ष मोरचा के प्रत्याशी सह पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही को कड़ा टक्कर देने के बावजूद काफी कम अंतर 2300 वोट से अनंत प्रताप देव चुनाव हार गये. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि टिकट मिलने के बाद कम समय के अंदर अपने विरोधियों को अपने पक्ष में करने में सफल नहीं होने के कारण मामूली वोट से वे चुनाव जीतते-जीतते हार गये. विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा से टिकट के प्रबल दावेदार कन्हैया चौबे को भाजपा का दामन छोड़ कर भानु प्रताप शाही के साथ मिल जाना इस जीत में काफी योगदान दिया. साथ ही अन्य विक्षुब्धों का भी समर्थन भानु को मिल जाने से उन्हें यह सीट निकालने में सफलता मिली.