फरजी तरीक२े से जमीन बेचने की शिकायत, जांच का निर्देश

प्रतिनिधि,रंका(गढ़वा).रमकंडा प्रखंड के सिसुआ गांव में आदिम जनजातियों की जमीन फरजी तरीके से बेचे जाने की शिकायत पर उपायुक्त डॉ मनीष रंजन के निर्देश पर रंका अंचलाधिकारी शशिकांत सिनकर ने बुधवार को सिसुआ गांव पहुंच कर मामले की जानकारी ली. जहां सीओ द्वारा जांच के क्रम में भू-माफियाआंे द्वारा जनजाति परिवारांे के जमीन को फरजी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2015 7:03 PM

प्रतिनिधि,रंका(गढ़वा).रमकंडा प्रखंड के सिसुआ गांव में आदिम जनजातियों की जमीन फरजी तरीके से बेचे जाने की शिकायत पर उपायुक्त डॉ मनीष रंजन के निर्देश पर रंका अंचलाधिकारी शशिकांत सिनकर ने बुधवार को सिसुआ गांव पहुंच कर मामले की जानकारी ली. जहां सीओ द्वारा जांच के क्रम में भू-माफियाआंे द्वारा जनजाति परिवारांे के जमीन को फरजी तरीके से बेचे जाने की शिकायत सही पायी गयी. वहां से लौटने के बाद श्री सिनकर ने बताया कि आदिम जनजाति परिवार के लोग यहां पर वर्तमान में रह कर जीविकोपार्जन हेतु खेती भी करते हैं. इन लोगों का यह जमीन 1908 के खतियान में भी अंकित है. इसका रकबा 34 एकड़ एवं 37 डिसमिल है. सरकार द्वारा प्राप्त इंदिरा आवास, बिरसा आवास, कुआं जैसी योजनाआंे का लाभ भी जनजाति परिवार को मिला है. यहां पर उन लोगों का मकान भी बना हुआ है. गरीब व असहाय जनजाति परिवार के लोगों के इस जमीन को चैनपुर थाना के भू-माफिया नागेंद्रनाथ तिवारी एवं अन्य लोगों द्वारा जबरन अपना बताकर पश्चिमी सिंहभूम के रामेश्वर जूटमिल नामक व्यक्ति से बिक्री कर दी गयी. जब रामेश्वर जूटमिल इस जमीन पर अपना कब्जा के नियत से आया, तो ग्रामीणों को उनकी जमीन फरजी तरीके से बिक्री किये जाने का पता चला. इसके बाद उक्त ग्रामीण गढ़वा उपायुक्त से मिल कर भू-माफियाओं द्वारा उनकी जमीन फरजी तरीके से बेचे जाने की शिकायत की एवं इस पर हस्तक्षेप करने की मांग की. सीओ श्री सिनकर ने बताया कि यह जमीन फरजी तरीके से बिक्री की गयी है. इस पर सिर्फ संबंधित जनजाति परिवार के लोगों का कब्जा है. उन्होंने बताया कि इस मामले की पूरी जानकारी वे गढ़वा उपायुक्त को देंगे.

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