ग्रामीणों ने धरना-प्रदर्शन किया
भवनाथपुर(गढ़वा) : भवनाथपुर प्रखंड के अरसली उत्तरी एवं अरसली दक्षिणी पंचायत के ग्रामीणों ने जिला परिषद के गलत सीमांकन को रद्द कराने एवं सुधारने की मांग की है. ग्रामीणों ने आजसू नेता जयराम पासवान के नेतृत्व में बुधवार को प्रखंड कार्यालय पर पहुंच कर धरना दिया. धरना के पूर्व ग्रामीण प्रखंड कार्यालय के पास जमा […]
भवनाथपुर(गढ़वा) : भवनाथपुर प्रखंड के अरसली उत्तरी एवं अरसली दक्षिणी पंचायत के ग्रामीणों ने जिला परिषद के गलत सीमांकन को रद्द कराने एवं सुधारने की मांग की है. ग्रामीणों ने आजसू नेता जयराम पासवान के नेतृत्व में बुधवार को प्रखंड कार्यालय पर पहुंच कर धरना दिया.
धरना के पूर्व ग्रामीण प्रखंड कार्यालय के पास जमा होकर जुलूस की शक्ल में मुख्य बाजार होते हुए कपरूरी चौपाल तक गये. इसके बाद ग्रामीणों ने वहां अपनी मांगों को लेकर आवाज उठायी.
जुलूस प्रखंड कार्यालय पर पहुंच कर सभा में तब्दील हो गयी. इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि भवनाथपुर में अब एक की जगह दो जिला परिषद बनाया गया है. इसमें पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्र शामिल है. लेकिन परिसीमन में अरसली उत्तरी और अरसली दक्षिणी पंचायत को पूर्वी क्षेत्र में शामिल किया गया है. ग्रामीणों ने कहा कि भौगोलिक दृष्टिकोण से यह गलत है. उन्होंने उतरी व दक्षिणी पंचायत को पश्चिमी क्षेत्र में शामिल करने की मांग की. ग्रामीणों की ओर से इस संबंध में बीडीओ शशिकांत वर्मा को उपायुक्त के नाम सात सूत्री मांग पत्र दिया गया.
मांग पत्र लेने के बाद बीडीओ ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों पर पहल की जायेगी. उन्होंने ग्रामीणों को समझाते हुए कहा कि इस संबंध में ग्रामीणों की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल तैयार होकर उपायुक्त के समक्ष अपनी मांगों को रखें. इसमें स्वयं बीडीओ भी उपस्थित होंगे.
इस अवसर पर मुन्ना शर्मा, जयप्रकाश यादव, सत्येंद्र साह, सुजीत विश्वकर्मा, आत्मा विश्वकर्मा, हेमंत चौबे सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे.
क्या हैं ग्रामीणों की मांगें
सात सूत्री मांग पत्र में ग्रामीणों ने अरसली उत्तरी एवं दक्षिणी पंचायत को भवनाथपुर पश्चिमी में स्थानांतरित करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि दोनों पंचायत को मिलाकर एक ही राजस्व ग्राम अरसली बनाया गया है. जबकि इसमें घनी आबादीवाले और कई गांव हैं. इन्हें भी राजस्व ग्राम बनाने की जरूरत है. इसके अलावे दोनों पंचायतों में राजस्व कर्मचारी को बैठाने, उप स्वास्थ्य केंद्र में स्थायी रूप से चिकित्सक नियुक्त करने आदि की मांग शामिल है.