खुले में बरबाद हो रहा है धान

आपूर्ति व सहकारिता विभाग में खींचतान, खरीद रुकी, किसान परेशान सगमा (गढ़वा) : आपूर्ति विभाग एवं सहकारिता विभाग की आपसी खींचतान की वजह से सगमा प्रखंड में धान की खरीद नहीं हो पा रही है. धान खरीद नहीं होने से हजारों क्विंटल धान खुले आकाश के नीचे बरबाद हो रहे हैं. प्रखंड के घघरी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2015 6:47 AM
आपूर्ति व सहकारिता विभाग में खींचतान, खरीद रुकी, किसान परेशान
सगमा (गढ़वा) : आपूर्ति विभाग एवं सहकारिता विभाग की आपसी खींचतान की वजह से सगमा प्रखंड में धान की खरीद नहीं हो पा रही है. धान खरीद नहीं होने से हजारों क्विंटल धान खुले आकाश के नीचे बरबाद हो रहे हैं.
प्रखंड के घघरी के किसान दीपक कुमार यादव के करीब 80 क्विंटल, अशोक कुमार यादव का करीब 50 क्विंटल, बालमुकुंद यादव का करीब 150 क्विंटल, लाल बिहारी सिंह का करीब 60 क्विंटल धान खुले आकाश के नीचे पड़ा हुआ है. इसी तरह सगमा प्रखंड के बीरबल, सानेडीहा, मकरी, सगमा, पुतुर, दुसैया गांव में किसानों का धान खुले आकाश के नीचे बरबाद हो रहे हैं. उक्त किसानों का कहना है कि- हमलोगों ने बैंक से ऋण लेकर धान की खेती की थी. अब धान की ब्रिकी नहीं होने के कारण हमलोग कर्ज में डूबते जा रहे हैं. उधर बैंक का नोटिस आना शुरू हो गया है.
गौरतलब है कि चार फरवरी तत्कालीन उपायुक्त डॉ मनीष रंजन ने अखबार के माध्यम से कहा था कि पैक्स एवं लैंपस के माध्यम से धान की खरीदी की जायेगी, लेकिन इसे अमली जामा नहीं पहनाया जा सका. अभी भी किसान खरीद के आसरे में धान को रख कर उसकी रखवाली कर रहे हैं. इस संबंध में पूछे जाने पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी शशिनाथ चौबे ने कहा कि -धान क्रय से संबंधित सहकारिता विभाग द्वारा मेरे कार्यालय में कोई सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इसके कारण धान क्रय केंद्र नहीं खुल पा रहे हैं. वहीं जिला सहकारिता पदाधिकारी रामकुमार प्रसाद का कहना है कि आपूर्ति विभाग के द्बारा अभी तक मेरे पास कोई सूची उपलब्ध नहीं कराया गया है.
इसमें मेरा कोई दोष नहीं है. इस प्रकार आपूर्ति विभाग एवं सहाकारिता विभाग में समन्वय स्थापित नहीं होने के कारण धान क्रय केंद्र नहीं खोला जा सका है. जबकि प्रखंड के पैक्स अध्यक्ष रमोद प्रसाद सिन्हा एवं सोनडीहा के पैक्स अध्यक्ष विष्णुव्रत वर्मा ने बताया कि जब तक विभाग से आदेश नहीं आता है, तब तक धान क्रय नहीं किया जा सकता है.

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