स्वावलंबन की डगर

– जितेंद्र सिंह – गढ़वा : भरतीय स्टेट बैंक द्वारा गढ़वा में प्रायोजित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) महिलाओं के स्वावलंबन की राह को आसान कर रहा है. संस्थान द्वारा 379 महिलाओं को विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भरता की राह दिखायी गयी है. संस्थान महिलाओं को आगे बढ़ा कर अपने उद्देश्यों को सफल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2013 4:34 AM

– जितेंद्र सिंह –

गढ़वा : भरतीय स्टेट बैंक द्वारा गढ़वा में प्रायोजित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरसेटी) महिलाओं के स्वावलंबन की राह को आसान कर रहा है. संस्थान द्वारा 379 महिलाओं को विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भरता की राह दिखायी गयी है.

संस्थान महिलाओं को आगे बढ़ा कर अपने उद्देश्यों को सफल बनाने में जुटा हुआ है. यहां से प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाली तीन दर्जन से अधिक महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. इसकी शुरुआत 15 अक्तूबर 2012 को जिला मुख्यालय से नौ किमी दूर तिलदाग में प्रारंभ की गयी थी. उसके बाद गढ़वा प्रखंड कार्यालय परिसर में यह संस्थान पूर्ण रूप से काम करने लगा. प्रशिक्षक के रूप में मिथिलेश कुमार सिंह का सराहनीय योगदान रहा है. साथ ही पंकज कुमार आदि भी सहयोग कर रहे हैं.

आशातीत सफलता (निदेशक) संस्थान के निदेशक कमल नयन ने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए इस संस्था ने शुरुआत की थी, उसमें आशातीत सफलता मिल रही है. महिलाएं आत्मविश्वास के साथ यहां आकर प्रशिक्षण प्राप्त करती हैं.

मैमून निशा बनी मार्गदर्शक : प्रखंड के टेढ़ी हरैया की रहनेवाली है मैमून निशा. उनके पति दूसरे प्रदेशों में काम के लिए जाते रहते थे. मैमून ने जब प्रशिक्षण प्राप्त किया, तो तिलदाग में लिबास टेलर्स नामक दुकान खोली और पति की देखरेख में ंउसने काम शुरू किया. पति के साथ पलायन करनेवाले उनके दो मित्रों को भी दुकान में काम दिया. मैमून आज अपने परिवार के साथसाथ तीन लोगों को रोजगार देकर पलायन रोकने में सफल रही.

120 महिलाओं को बकरी पालन का प्रशिक्षण : इस संस्थान द्वारा डीआरडीए गढ़वा के माध्यम से 120 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को बकरी पालन का भी सफल प्रशिक्षण दिया गया. इसके अलावा 203 महिलाओं को ड्रेस डिजायनिंग तथा 56 महिलाओं को ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण दिया गया है.

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