12000 इंदिरा आवास अधूरे

प्रशासनिक शिथिलता से बड़ी संख्या में योजनाएं लटकी कहीं राशि पड़ी हुई है, तो कहीं जमीन ही नहीं मिल रही है. पीयूष गढ़वा : प्रशासनिक लापरवाही व शिथिलता की वजह से गढ़वा जिले में हजारों की संख्या में योजनाएं अधूरी हैं. कई मामलों में पर्याप्त राशि होने के बाद भी लेट लतीफाशाही वाला अंदाज अपनाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 25, 2015 8:54 AM
प्रशासनिक शिथिलता से बड़ी संख्या में योजनाएं लटकी
कहीं राशि पड़ी हुई है, तो कहीं जमीन ही नहीं मिल रही है.
पीयूष
गढ़वा : प्रशासनिक लापरवाही व शिथिलता की वजह से गढ़वा जिले में हजारों की संख्या में योजनाएं अधूरी हैं. कई मामलों में पर्याप्त राशि होने के बाद भी लेट लतीफाशाही वाला अंदाज अपनाया जा रहा है. जबकि कई भवन के अधूरे रहने का कारण सरकारी जमीन का नहीं होना है.
सरकारी जमीन नहीं रहने पर अधिग्रहण करने की प्रक्रिया प्रशासन की ओर से अपनायी जा सकती है, लेकिन इस ओर विचार नहीं किया जा रहा है.
नतीजतन राशि होने के बावजूद योजनाएं धरातल पर नहीं उतर रही हैं. गढ़वा जिले में करीब 12 हजार इंदिरा आवास अधूरे हैं. सरकार द्वारा मिली राशि से ज्यादा इंदिरा आवास बांट दिये जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. तीन वित्तीय वषों में इस मद में केंद्र सरकार की ओर से राशि भी भेजी नहीं गयी है. वित्तीय वर्ष 2010-11, 2012-13 व 2014-15 में इंदिरा आवास योजना मद की राशि जिले को प्राप्त नहीं हुई है.
वर्तमान इंदिरा आवास को पूर्ण करने के लिए केंद्र सरकार से 28 करोड़ रुपये की मांग की गयी है. यदि इस वित्तीय वर्ष में भी राशि प्राप्त नहीं हुई, तो आधा घर बनानेवाले लाभुकों को अगले वित्तीय वर्ष का इंतजार करना पड़ेगा.

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