11 प्रतिशत बोनस मान्य नहीं
35 दिन से धरना पर बैठे मजदूरों ने कहा भवनाथपुर (गढ़वा) : 35 दिन से प्रशासनिक भवन पर धरना दे रहे घाघरा चूना पत्थर खदान के मजदूरों ने कहा है कि एटक अध्यक्ष गणोश सिंह ठेकेदार एवं प्रबंधन की दलाली कर रहे हैं. उक्त बातें मजदूरों ने शनिवार को धरनास्थल पर प्रेस वार्ता कर कही. […]
35 दिन से धरना पर बैठे मजदूरों ने कहा
भवनाथपुर (गढ़वा) : 35 दिन से प्रशासनिक भवन पर धरना दे रहे घाघरा चूना पत्थर खदान के मजदूरों ने कहा है कि एटक अध्यक्ष गणोश सिंह ठेकेदार एवं प्रबंधन की दलाली कर रहे हैं. उक्त बातें मजदूरों ने शनिवार को धरनास्थल पर प्रेस वार्ता कर कही. मजदूरों ने उनसे इस कार्य से बाज आने की चेतावनी दी है.
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा है कि क्षेत्रीय श्रमायुक्त के कार्यालय में 20 प्रतिशत बोनस के लिए एटक नेता ने मांग की थी. लेकिन किन कारणों से 11 प्रतिशत पर सहमति बनायी गयी. उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार एवं प्रबंधन की मिलीभगत से मजदूरों को यह नुकसान कराया गया है.
मजदूरों ने यह भी आरोप लगाया कि 10 दिन पूर्व ही ठेकेदार द्वारा 11 प्रतिशत बोनस देने का निर्णय लिया गया था. लेकिन एटक नेता के हस्तक्षेप के कारण इसे 10 अक्तूबर तक के लिए बढ़ा दिया गया.
मजदूरों ने दावा किया कि घाघरा तुलसीदामर के मजदूर उनके साथ नहीं हैं. धरनास्थल पर पत्रकार वार्ता में जगदीश राम, जसमुद्दीन अंसारी, अकलु साव, लालजी यादव, सुग्रीव उरांव, हबीब मियां आदि ने अपनी बात कही.
आरोप निराधार : गणोश
एटक नेता गणोश सिंह ने धरना पर बैठे मजदूरों द्वारा उनके ऊपर लगाये गये आरोप को तथ्यहीन बताया है. उन्होंने कहा कि प्रबंधन मजदूरों को आठ प्रतिशत ही बोनस देने को तैयार था. लेकिन उनके प्रयास एवं संघर्ष के कारण 11 प्रतिशत बोनस लेने में सफलता मिली है.
उन्होंने कहा कि मजदूर किसी के बहकावे में आकर इस तरह की बात कह रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि तुलसीदामर डोलोमाइट एवं घाघरा चूना पत्थर के मजदूर वास्तविकता को समझते हैं. वे किसी के बहकावे में नहीं आयेंगे.