भारतीय इतिहास पर रिसर्च कर रहे हैं विदेशी मुल्क

पांच दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण का समापन गढ़वा : बरडीहा प्रखंड के ओबरा में वनबंधु परिषद द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण का समापन किया गया. समापन समारोह का उदघाटन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश निरंजन सिन्हा ने दीप जला कर किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीच के कालखंडो में समाप्त कई विद्याओं के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2015 11:48 PM
पांच दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण का समापन
गढ़वा : बरडीहा प्रखंड के ओबरा में वनबंधु परिषद द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आचार्य प्रशिक्षण का समापन किया गया. समापन समारोह का उदघाटन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मुकेश निरंजन सिन्हा ने दीप जला कर किया.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीच के कालखंडो में समाप्त कई विद्याओं के बारे में आचार्यो का यह प्रशिक्षण काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि बीच के कालखंडो से गायब हो गये थे. महाभारत काल में हिंदुस्तान द्वारा अपनायी गयी कई उपयोगिता पूरे विश्व ने अपनाया. हिंदुस्तान का प्राचीनतम इतिहास आज के मार्डन विज्ञान से आगे है. जब विज्ञान का नाम भी नहीं था, उस समय इस देश में नवग्रह की पूजा होती थी.
उन्होंने कहा कि आज के विकसित देश जो महाभारत काल में कपड़ा तक पहनना नहीं जानते थे, उस वक्त हिंदुस्तान रेशम का व्यापार करता था. उस वक्त जब लोग डीजल पेट्रोल व हवाई जहाज की चर्चा तक नहीं थी तब भी इस देश में पुष्पक विमान हुआ करता था. जब दुनिया में चिकित्सक का नाम नहीं था, तब भी इस देश में धनवंतरी व चरक जैसे महान वैद्य हुआ करते थे. श्री सिन्हा ने कहा कि आज के विकसित देशों में उस वक्त हथियार नहीं थे,तब भी इस देश में अचूक हथियार हुआ करता था.
आज भारत देश के इतिहास पर पश्चिमी देश रिसर्च कर हथियार बना रहे हैं. ओम पर रिसर्च कर विकसित देश ओमकार थिरेपी खोल रहे हैं. विदेशों में संस्कृत की पढ़ाई अनिवार्य कर दी गयी है.
विदित हो कि इन्हीं सब बातों पर आचार्यो को प्रशिक्षण दिया गया. इसमें विशुनपुरा, मझि आंव व बरडीहा प्रखंड के 60 आचार्यो ने प्रशिक्षण लिया. इस अवसर पर बरडीहा के जिप सदस्य सह भाजपा महिला मोरचा की जिलाउपाध्यक्ष सुमन मेहता,लोहरदगा अंचल के प्रभारी कौशलेश्वर साहू,गढ़वा के संयोजक बालेश्वर सिंह, अयोध्या से आये रविंद्र पांडेय तथा पुष्परंजन सहित कई लोग उपस्थित थे.

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