दोनों समुदाय मिल कर मनायेंगे दशहरा व मुहर्रम

गढ़वा : गढ़वा प्रखंड के तिलदाग गांव स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में आदर्श युवा क्लब एवं मुहर्रम इंतजामिया कमेटी की संयुक्त बैठक डॉ मकबूल आलम की अध्यक्षता में हुई. इसमें सर्वसम्मति से दुर्गा पूजा व मुहर्रम दोनों पर्व को शांति पूर्ण तरीके से मनाने का निर्णय लिया गया. बैठक में दोनों पर्व को शांति एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 6, 2015 12:29 AM
गढ़वा : गढ़वा प्रखंड के तिलदाग गांव स्थित दुर्गा पूजा पंडाल में आदर्श युवा क्लब एवं मुहर्रम इंतजामिया कमेटी की संयुक्त बैठक डॉ मकबूल आलम की अध्यक्षता में हुई. इसमें सर्वसम्मति से दुर्गा पूजा व मुहर्रम दोनों पर्व को शांति पूर्ण तरीके से मनाने का निर्णय लिया गया. बैठक में दोनों पर्व को शांति एवं भाईचारे के साथ मनाने के लिए संयुक्त कमेटी बनायी गयी.
इसमें गांव के गणमान्य लोगों की देखरेख में दोनों पर्व मनाने का निर्णय लिया गया. बैठक में दोनों समुदायों द्वारा लाउड स्पीकर बजाने पर भी सहमति बनी. इसके मुताबिक एक ही समय में दोनों समुदाय के लोग बाजा नहीं बजायेंगे. बैठक में कहा गया कि दुर्गा पूजा एवं मुहर्रम के अवसर पर रात में बाजा सीमित रूप से बजेगा, ताकि एक -दूसरे को बाधा उत्पन्न न हो.
रामचरित मानस पाठ के दौरान दिन में मुहर्रम कमेटी द्वारा बाजा नहीं बजाया जायेगा. मुहर्रम एवं दूर्गा पूजा में पूजा स्थल के नजदीक व मुहर्रम चौक के पास टावर बनाकर बाजा बांध सकते हैं. साथ ही रात में बाजा बजाने का समय निर्धारित किया जायेगा. दोनों ही जगहों पर समिति की देखरेख में बाजा बजाया जायेगा.
बैठक में यह भी कहा गया कि किसी के द्वारा इस निर्णय का उल्लंघन करने पर ग्रामीण जनता इसकी रिपोर्ट प्रशासन को करेगी. बैठक में आदर्श युवा क्लब की ओर से वासुदेव विश्वकर्मा, रामजन्म विश्वकर्मा, अनिल साव, नागेंद्र साव, बिरजू साव, सुमेध साव, राजीव रंजन चंद्रवंशी, शिवसागर विशवकर्मा, नंदू पाल, रामेश्वर प्रसाद, उपेंद्र साव तथा मुहर्रम इंतजामिया कमेटी की ओर से मो मुख्तार आलम, आलम रसूल खां, वकील खां, नसीम खां, हकीम खां, शमीम खां, शम्मी खां, सकील खां, ईदरिश खां, सिकंदर खां एवं जाकिर खां को रखा गया है.
विदित कि पिछले साल दुर्गा पूजा के दौरान दोनों समुदायों के बीच में काफी कटुता उत्पन्न हो गयी थी. प्रशासन की कड़ी मेहनत के बाद दोनों समुदायों के बीच में किसी तरह शांति स्थापित कराया गया था. उक्त घटना से सीख लेते हुए ग्रामीणों ने स्वयं पहल कर यह निर्णय लिया है.

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